राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक अदालत ने कोच्चि में गुरुवार को एक कॉलेज प्रिंसिपल का हाथ काटने के आरोप में 13 लोगों को दोषी करार दिया. केस में 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था. दोषियों को 5 मई को सजा सुनाई जाएगी.
4 जुलाई 2010 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं ने एक कॉलेज में प्रिंसिपल टी.जे. जोसेफ का दायां हाथ काट दिया था. वारदात के वक्त वह एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुफुजा में अपने घर के पास आयोजित रविवार की प्रार्थना से लौट रहे थे.
मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी से भड़के थे कार्यकर्ता!
पीएफआई के कार्यकर्ता जोसेफ से नाराज थे क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर एक आंतरिक परीक्षा के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की थी. जोसेफ थोडुपुझा गांव में न्यू मैन कॉलेज में मलयालम के अध्यापक हैं.
इस मामले में 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. एक मुख्य अभियुक्त और चार अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं. फैसले के बाद जोसेफ ने कहा कि इससे उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
जोसेफ बोले, 'मैंने उन्हें माफ कर दिया'
जोसेफ ने कहा, 'मैंने उन लोगों को माफ कर दिया है जिन्होंने मेरे साथ यह सब किया. मेरे मन में उनके खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है.' जोसेफ पर बीते साल एक और आफत आ पड़ी जब उनकी 48 वर्षीय पत्नी शलोमी जोसेफ ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार से न्याय का इंतजार कर रहे हैं.
जोसेफ ने कहा, 'राज्य सरकार ने मेरे इलाज के खर्च का जिम्मा लिया था. उन्होंने मुझे केवल चार लाख रुपये दिए जबकि मुझे 20 लाख रुपये खर्च करने पड़े. इसके अलावा मुझे निलंबित करने के बाद बहाल किया गया था जिसकी पेंशन और वेतन मुझे अभी तक नहीं मिला है.'
- इनपुट IANS