बोधगया ब्लास्ट की जांच में जुटी एनआईए ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है. एनआईए अब ब्लास्ट के स्थानीय पहलुओं पर भी गौर कर रही है.
एनआईए और गृह मंत्रालय ने माना है कि इस आतंकी हमले में बिना लोकल लोगों के शामिल हुए इसे अंजाम नहीं दिया जा सकता था. एनआई के मुताबिक, आईएम के अलावा बांग्लादेश के आंतकी संगठन, नक्सली गिरोह, यहां तक कि महाबोधि मंदिर के भीतर की गतिविधियों को भी खंगाला जा रहा है.
एनआईए अब बोधगया मंदिर मैनेजमेंट कमेटी के दो पूर्व सचिवों की हिस्ट्री खंगालने में जुटी है, जिसका दफ्तर इसी मंदिर के पास है. इसे आरोपों के बाद ही हटाया गया था.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, तमाम बिंदुओं पर गौर किया जा रहा है. भले ही यह आतंकी हमला हो, लेकिन एक बात साफ है कि इसे बिना स्थानीय मदद के अंजाम नहीं दिया सकता था. ऐसे में स्थानीय स्तर पर तमाम पहलुओं को एनआईए खंगाल रही है.
साथ ही जिस कोबरा सुरक्षा एजेंसी को महाबोधि मंदिर की सुरक्षा सौंपी गई थी, उस एजेंसी से जुड़े लोगों और उनके अकाउंट्स तक को खंगाला जा रहा है.
बहरहाल, अब तक ठोस सबूत के तौर पर इस जांच एजेंसी को कुछ भी हाथ नहीं लगा है.