राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तीन कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया है. तीनों नेता पूछताछ में शामिल होने दिल्ली पहुंच गए हैं. एनआईए के हेड क्वार्टर में इन नेताओं से पूछताछ की जा रही है. तीनों नेताओं पर आतंकवाद के लिए फंडिंग और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं.
एनआईए ने अलगाववादी नेता फारूक अहमद डार उर्फ 'बिट्टा कराटे', जावेद अहमद बाबा उर्फ 'गाजी' और नईम खान को दिल्ली तलब किया है. इन तीनों नेताओं से प्रॉपर्टी दस्तावेजों के साथ-साथ बैंक अकाउंट और विदेशी दौरों की जानकारी सौंपने को कहा गया है. दिल्ली में NIA के हेड क्वार्टर में तीनों को आमने-सामने बिठाकर NIA पूछताछ करेगी.
पूछताछ में सही जवाब न मिलने पर बुलाया दिल्ली
एनआईए 'आजतक' के स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' के आधार पर सैय्यद अली शाह गिलानी, बिट्टा कराटे, नईम खान, जावेद अहमद बाबा सहित हाफिज सईद पर पीई दर्ज कर जांच कर रही है. इस मामले में एनआईए पहले ही कश्मीर में अलगाववादी नेताओं से कई बार पूछताछ की जा चुकी है. लेकिन कई सवालों के जवाब न मिलने की वजह से NIA ने दिल्ली बुलाकर पूछताछ करने का फैसला लिया.
पूछताछ में NIA इन अलगाववादी नेताओं से कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान की फंडिंग पर जानकारी लेगी. साथ ही आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में सामने आई जानकारी की तस्दीक कराई जाएगी.
क्रॉस बॉर्डर ट्रेड की जांच
NIA पहले से ही क्रॉस बॉर्डर ट्रेड की जांच कर रही है. जिसमें कई 30 से 40 ट्रेडर्स से NIA पूछताछ कर चुकी है, जिन पर व्यापार के जरिये पाकिस्तान से पैसा लाने और अलगाववादी नेताओं तक पहुंचने का शक है.
NIA की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि 2008 से 2016 के बीच भारत में ट्रेडिंग कंपनी के जरिये पुंछ और उरी के के रास्ते व्यापार के नाम पर 1550 करोड़ रुपये आये. NIA इस बारे में पूछताछ कर सकती है कि किन-किन व्यापरियों के जरिये इनके पास पैसा आया.
सूत्रों के मुताबिक NIA को शक है कि व्यापार के जरिये हुर्रियत नेताओं, JKLF, हिज्बुल आतंकियो के पास ये पैसा पहुंचा. NIA के सूत्रों ने ये खुलासा किया है कि पाकिस्तान में सीमा पार से इस व्यापार को देखने के लिए पाकिस्तान की आर्मी ने अपने एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर को लगा रखा था.
पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
व्यापारियों से एनआईए की पूछताछ में खुलासा हुआ है था कि पाकिस्तान के साथ ट्रेडिंग करने वाली कंपनियों ने 20-20 फर्जी कंपनी बनाकर कश्मीर में आतंक के नाम पर फंडिंग की. जिसमें अलगाववादी नेताओं के पास भी पैसा गया.
NIA की जिन व्यापारियों से पूछताछ अब तक हुई है उनसे खुलासा हुआ है कि, ये व्यापारी पाकिस्तानी व्यापारियों से दुबई और पेरिस में मुलाकात करते थे. इस दौरान वो घाटी में हुर्रियत नेताओं और आतंकी कैडर के पास पैसा भेजने की योजना बनाते थे.