भारतीय सुरक्षा अधिकारियों ने पठानकोट हमले के सबूत देकर पाकिस्तानी अधिकारियों की बोलती बंद कर दी है. एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक NIA ने पाकिस्तानी जांच दल को एक ऑडियो सुनाया. इस ऑडियो में जैश आतंकी मुफ्ती अब्दुल राउफ असगर की आवाज है.
ऑडियो में राउफ यह कहता सुनाई दे रहा है कि उसने पठानकोट एयरबेस पर हमले के लिए मुजाहिदीन भेजे थे. साथ ही इस ऑडियो में राउफ भारत की जवाबी कार्यवाही का मजाक भी बना रहा है. बता दें कि राउफ जैश-ए-मोहम्मद सरगना मौलाना मसूद अजहर का भाई है.
NIA चीफ शरद कुमार के मुताबिक इस ऑडियो को पाकिस्तान JIT ने काफी ध्यान से सुना और उसके बाद वे भारत के दावे पर कोई सवाल नहीं उठा सके. सोमवार को जब पाकिस्तानी जांच दल को ऑडियो क्लिप सुनाई गई तब शरद यादव मौजूद थे.
बता दें कि इस साल जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ था. इसमें 7 भारतीय सुरक्षाकर्मी सहित 8 लोगों की मौत हुई थी. जवाबी कार्यवाही में 6 आतंकवादियों को भी ढेर हुए थे. भारत ने जैश-ए-मोहम्मद को पठानकोट हमले का दोषी बताया और इस वजह से ही दोनों देशों के बीच प्रस्तावित विदेश सचिव स्तर की वार्ता को रद्द किया था.
ऑडियो क्लिप है महत्वपूर्ण सबूत
NIA चीफ शरद कुमार के मुताबिक यह ऑडियो क्लिप 2 जनवरी को हुए आतंकी हमले में सबसे अहम सबूत है क्योंकि इसमें राउफ खुद कबूल कर रहा है कि उसने हमले के लिए आतंकी भेजे थे. राउफ असगर 1999 में कंधार में इंडियन एयरलाइंस विमान हाईजैक में भी मुख्य आरोपी था.
जैश की वेबसाइट पर था ऑडियो
यह क्लिप जैश से जुड़ी वेबसाइट 'rangonoor.com' और 'alqalamonline.com' पर अपलोड की गई थी. साथ ही इस वेबसाइट पर 'सादी' नाम के व्यक्ति ने कई आर्टिकल भी लिखे थे. NIA के मुताबिक सादी मसूद अजहर का ही बदला हुआ नाम है.
वेबसाइट के सर्वर पाकिस्तान में
जांच के दौरान NIA ने पाया कि इन दोनों वेबसाइट पाकिस्तान की 'siteground.com' नाम के सर्विस प्रोवाइडर द्वारा चलाई जा रही है. इस दौरान एक क्रेडिट कार्ड भी पाया गया जो कि नसीम अहमद के नाम पर जारी किया गया है. शरद कुमार के मुताबिक अब NIA ने इन वाइस सैंपल्स के आधार पर मौलाना मसूद अजहर और उसके भाई राउफ से पूछताछ करने की मांग की है.
अब NIA करेगी पाकिस्तान का दौरा
पाकिस्तान JIT के भारत दौरे के बाद अब भारतीय अधिकारी पाकिस्तान जाने की तैयारी में है. पाकिस्तान जाकर NIA अधिकारी पठानकोट हमले में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मौलाना मसूद अजहर की भूमिका की जांच करेंगे.