गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बोधगया में हुए सिलसिलेवार धमाकों की निंदा करते हुए सफाई पेश की है कि ब्लास्ट के बाद कार्रवाई में किसी तरह की देरी नहीं की गई है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बोधगया के दौरे पर आए सुशील कुमार शिंदे ने मीडिया से कहा कि ब्लास्ट के सारे पहलुओं की जांच की जा रही है. एनआईए की टीम पड़ताल में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि मौसम की खराबी की कारण एनआईए की टीम ब्लास्ट के तुरंत बाद घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकी थी.
गृहमंत्री ने कहा कि बोधगया में 13 बम रखे गए थे, जिनमें 10 फटे. उन्होंने कहा कि धमाका करने के लिए सिलेंडर में बॉल बेयरिंग रखे गए थे.
गौरतलब है कि बोधगया धमाकों के तीन दिन बाद भी जांच किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. हालांकि एनआईए को कुछ सुराग मिले हैं, जो अहम साबित हो सकते हैं. इनमें सबसे अहम हैं तीन फोन नंबर. मौका-ए-वारदात से एनआईए को एक पर्ची मिली, जिस पर तीन फोन नंबर लिखे हुए थे. तीन में से दो नंबर काम नहीं कर रहे हैं, जबकि एक नंबर धमाके वाले दिन सुबह तक चालू था.
इसके अलावा एनआईए को कुछ और कागज के पुर्जे मिले हैं, जिन पर उर्दू में कुछ लिखा है. बुद्ध की बड़ी प्रतिमा के पास मिले कागज पर लिखा है 'बड़ा बुत', जबकि बौद्ध विहार के पास मिले कागज पर लिखा है 'इराक वॉर'. हालांकि एनआईए इसे जांच को भटकाने की कोशिश के तौर पर ही देख रही है.
ट्विटर पर IM ने ली जिम्मेदारी
बोधगया धमाकों के पीछे किन लोगों का हाथ है, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन ट्विटर के जरिए धमाकों की जिम्मेदारी ली गई है. 'आईएम' नाम से बनाए गए ट्विटर अकांउट पर मैसेज आया, 'हमने नौ धमाके कराए. अब हमारा अगला निशाना मुंबई है. रोक सको तो रोक लो. सिर्फ सात दिन बाकी हैं.'.