बोधगया के सिलसिलेवार बम विस्फोटों के सिलसिले में हिरासत में बचे शेष दो व्यक्ति भी सबूत के अभाव में रिहा कर दिए गए जबकि जांचकर्ता इस कांड के चार दिन बाद भी अहम सुराग के लिए हाथ पैर मारते रहे.
एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अब इस मंदिर नगर के टेलीफोन कॉलों को खंगाल रही है. इसमें यहां से किए गए और यहां आए दोनों तरह के कॉल शामिल हैं. रविवार के इस हमले की जांच का काम औपचारिक रूप से एनआईए को सौंपा गया है.
पुलिस ने गुरुवार को पटना में कहा कि कुछ सुराग हाथ लगे हैं और कुछ व्यक्ति शीघ्र ही पूछताछ के लिए बुलाये जा सकते हैं. इसी बीच आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ट्विट हैंडल एट द रेट ऑफ इंडियन मुजाहिदीन के आईपी एड्रेस का ठिकाना
पाकिस्तान निकला है. इसी पर इंडियन मुजाहिदीन ने दावा किया था कि उसने ये विस्फोट कराए. जांचकर्ताओं के अनुरोध पर ट्विटर ने इस एकाउंट पर फिलहाल रोक लगा दी है.
पुलिस ने कहा कि बिनोद मिस्त्री और दशरथ यादव को उनके बयान दर्ज किए जाने के बाद बुधवार रात एनआईए ने सबूत के अभाव में रिहा कर दिया था. दोनों गया जिले के रहने वाले हैं.