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एनआईए ने कहा- भारत के लिए ISIS से भी बड़ा खतरा हैं सिमी के चार भगोड़े आतंकी

नेशनल इंवेस्टि‍गेशन एजेंसी (एनआईए) का मानना है कि भारत के लिए 2013 में फरार SIMI के चार भगोड़े आतंकी आईएसआईएस से अधि‍क बड़ा खतरा हैं. जांच एजेंसी ने उनकी गिरफ्तारी के लिए अभ‍ियान छेड़ रखा है.

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2013 में मध्य प्रदेश की जेल से फरार हुए थे सिमी के आतंकी
2013 में मध्य प्रदेश की जेल से फरार हुए थे सिमी के आतंकी

पेरिस हमले के बाद जहां एक ओर आतंक की दुनिया में ISIS को लेकर दुनियाभर की सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं, वहीं नेशनल इनवेस्टि‍गेशन एजेंसी (एनआईए) का मानना है कि फिलहाल भारत के लिए SIMI के चार भगोड़े आतंकी आईएसआईएस से अधि‍क बड़ा खतरा हैं. स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के ये चार आतंकवादी पिछले दो साल से फरार हैं.

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बताया जाता है कि चारों आतंकियों को पकड़ने और इन तक पहुंचने की तमाम जुगत अब तक नाकाम रही है. इन चारों ने मोबाइल फोन की बजाय पब्लि‍क टेलि‍फोन बूथ का इस्तेमाल कर जांच एजेंसी को चकमा दे रखा है. पिछले साल यूपी के बिजनौर में हुए धमाकों के मामले में भी एनआईए ने 12 नवंबर को इन चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

'गुड़गांव के निकट हाथ लगा था सुराग'
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए की दिल्ली, मुंबई और भोपाल यूनिट के एक दर्जन से भी ज्यादा अधिकारियों की टीम इन आतंकवादियों का पता लगाने के लिए काम कर रही है. एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया, 'ये आतंकवादी हाल में पकड़े जाने से बाल-बाल बचे. आतंकवादी टेलिफोन बूथ का इस्तेमाल कर रहे हैं और गुड़गांव के आसपास एक ऐसे ही बूथ का हमने पता भी लगा लिया था, लेकिन जब तक एनआईए की टीम वहां पहुंचती, आतंकी फरार हो चुके थे. ये चारों वास्तविक खतरा हैं और भारत में आईएसआईएस के मुकाबले इनके हमलों की आशंका ज्यादा है.'

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2013 में मध्य प्रदेश की जेल से हुए थे फरार
एनआईए को मिली जानकारी के मुताबिक, ये आतंकवादी आधुनिक हथियारों से लैस और दक्षिणपंथी नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से भरे हैं. पिछले साल दिसंबर में इन आतंकवादियों ने रुड़की मे बम प्लांट कर बीजेपी विधायक संगीत सोम पर हमले की भी कोशिश की थी. हमले की यह कोशि‍श वीएचपी के एक कार्यक्रम के दौरान की गई थी. चारों आतंकी शेख महबूब, अमजद, जाकिर हुसैन और मोहम्मद सलीक अक्टूबर 2013 में मध्य प्रदेश की एक जेल से मोहम्मद एजाजुद्दीन और मोहम्मद असलम के साथ भाग गए थे. एजाजुद्दीन और असलम इस साल के शुरू में तेलंगाना पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए.


सामने आया बिजनौर का वीडियो
एनआईए के पास 12 मिनट का सीसीटीवी वीडियो भी है. इसमें इन लोगों को पिछले साल बिजनौर में एक किराए के मकान में रहने के दौरान हुए धमाके के बाद डॉक्टर के पास जाते हुए दिखाया गया है. अप्रैल में इन सभी 6 आतंकवादियों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद एनआईए ने पिछले हफ्ते तीन और लोगों- रईस अहमद, उनके बेटे अब्दुल्ला और हुस्ना नाम महिला के खिलाफ दो केस कर्ज दिए.


बरामद किया गया डेटोनेटर और कैश
पुलिस ने इन सभी पर बिजनौर में इन 6 अभियुक्तों को मदद का आरोप लगाया है. यही नहीं, जब यूपी पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार किया तो उनके पास से डेटोनेटर और रुपये भी बरामद हुए. एनआईए की नई एफआईआर में कहा गया है, 'ये लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी हमले कर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी बड़ी साजिश में शामिल थे.'

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