नगालैंड में सत्ता के शीर्ष पद से बेदखल होते ही पूर्व मुख्यमंत्री टी.आर जेलियांग संकट में आ गए हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उन्हें नगा विद्रोही समूह द्वारा जबरन वसूली और टैक्स कलेक्शन से जुड़े केस में पूछताछ के लिए समन किया है.
दो बार नगालैंड के मुख्यमंत्री रहे नगालैंड पीपुल्स फ्रंट पार्टी के नेता टी.आर जेलियांग को एनआईए ने कल (13 मार्च) समन किया है. उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित एनआईए मुख्यालय में सुबह 10 बजे पेश होने के लिए कहा गया है. जेलियांग को मामले से संबंधित दस्तावेजों के साथ पेश होने के लिए कहा गया है.
प्रतिबंधित नगा विद्रोही समूह एनएससीएन (खापलांग) को राज्य सरकार से फंड मिलने के आरोप हैं. एनआईए 2016 से इस मामले की जांच कर रही है. हाल में राज्य में हुए चुनाव से ठीक पहले एनआईए ने जेलियांग के मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े तीन वरिष्ठ अधिकारों को पूछताछ के लिए तलब किया था. जिसमें जेलियांग के ओएसडी भी शामिल थे.
इस मामले में पिछले साल एनआईए ने नगालैंड सरकार के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद ये बात सामने आई थी कि प्रतिबंधित NSCN(K) को चार साल के अंदर सरकारी खजाने से करीब 20 करोड़ रुपये दिए गए. आरोप है कि गलत तरीके से सरकारी पैसा इस संगठन की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए दिया गया. बता दें कि एनएससीएन-के एक उग्रवादी संगठन है, जिसके साथ सेना का टकराव होता रहा है.
बता दें कि जेलियांग की पार्टी ने हालिया चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं, लेकिन वो सरकार बनाने में नाकामयाब रही. फिलहाल, सूबे में बीजेपी समर्थित सरकार है.