हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादी लियाकत शाह की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के विरोधाभासी बयानों के बीच गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने के लिहाज से अधिसूचना जारी कर दी.
औपचारिक रूप से अधिसूचना जारी होने के बाद अब एनआईए लियाकत की गिरफ्तारी की परिस्थितियों की जांच करेगी जिसे दिल्ली पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा के पास से 20 मार्च को गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि उसकी गिरफ्तारी के साथ ही दिल्ली में होली से पहले आत्मघाती हमले की साजिश को नाकाम कर दिया गया है.
दिल्ली पुलिस का दावा है कि लियाकत हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकवादी है वहीं जम्मू कश्मीर पुलिस इस बात पर जोर दे रही है कि वह समर्पण करने के लिए भारत लौटा था.
दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने यह दावा भी किया था कि लियाकत ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाये जाने का बदला लेने के लिए हमले की साजिश रची थी.
हालांकि जम्मू कश्मीर पुलिस ने लियाकत के परिवार के दावों का समर्थन किया कि वह पहले उग्रवादी था और उसने नेपाल सीमा पर सनौली चौकी पर एसएसबी के सामने समर्पण कर दिया था तथा पुनर्वास नीति के तहत वापस आ रहा था.
इस बीच सरकार ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भारत-नेपाल सीमा पर निर्दिष्ट प्रवेश बिंदुओं पर जम्मू कश्मीर पुलिस के प्रतिनिधियों को तैनात करने का फैसला किया है.