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ट्रेन हादसों के पीछे ISI? केंद्र ने बिहार पुलिस से मांगी रिपोर्ट

कानपुर रेल हादसे में ISI के लिंक की जांच अपने हाथ में लेने के लिए नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने तैयारी कर ली है. एनआईए अपने दो सदस्यों की टीम मोतिहारी भेजेगी. हालांकि इस पूरे मामले की जांच के लिए अभी एनआईए को गृह मंत्रालय से औपचारिक मंजूरी का इंतजार है.

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कानपुर के पास नवंबर में हुआ था बड़ा ट्रेन हादसा
कानपुर के पास नवंबर में हुआ था बड़ा ट्रेन हादसा

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कानपुर रेल हादसे में ISI के लिंक की जांच अपने हाथ में लेने के लिए नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने तैयारी कर ली है. एनआईए ने अपने दो सदस्यों की टीम मोतिहारी भेज दी है. हालांकि इस पूरे मामले की जांच के लिए अभी एनआईए को गृह मंत्रालय से औपचारिक मंजूरी का इंतजार है. केंद्र सरकार ने भी बिहार पुलिस से रिपोर्ट मांगी है.

सूत्रों के अनुसार मोतिहारी जाने वाली एनआईए की टीम में एसपी और डीएसपी स्तर के अध‍िकारी हैं. एनआईए को पहली बार ऐसी जानकारी मिली है कि देश में हुए ट्रेन हादसों के पीछे देश के बाहर के ताकतों की संलिप्तता हो सकती है.

गौरतलब है कि बिहार में पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनके तार कानपुर जैसी ही घटना रक्सौल-दरभंगा रेल लाइन पर अंजाम देने की कोशिश से जुड़े हैं. इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ माना जा रहा है. इस मामले की जांच के लिए यूपी एटीएस की टीम पहले ही बिहार पहुंच गई है. एटीएस की टीम तीनों संदिग्धों से पूछताछ करेगी और कानपुर हादसे के पीछे इनकी संलिप्तता की जांच की जाएगी.

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इंदौर-पटना एक्सप्रेस का 20 नवंबर को कानपुर के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास एक्सीडेंट हो गया था. उस हादसे में करीब 150 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. बताया जाता है कि इस पूरे रैकेट के पीछे दुबई में बैठा एक शख्स है जो भारत में तबाही के लिए नेपाल के भाड़े के टट्टुओं का इस्तेमाल कर रहा है. उसका नाम शमसुल होदा बताया जाता है जो पाक की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा हुआ है. जांच के बाद कई और बड़े खुलासे की संभावना है.

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