केरल सरकार ने जानलेवा वायरस निपाह पर आज चौकसी बढ़ा दी है. यहां तक की बालुसेरी के एक अस्पताल के कर्मचारियों को एहतियात के तौर पर छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है. इस वायरस से कोझिकोड और मलप्पुरम जिले में 16 जानें जा चुकी हैं. लोक सेवा आयोग ने भी अपनी सभी लिखित और ऑनलाइल परीक्षाएं 16 जून तक के लिए स्थगित कर दी हैं. नयी तारीखों की घोषणाएं बाद में की जाएंगी.
इसके अलावा दोनों जिलों में इस माह होने वाली सारी बैठकें स्थगित कर दी गई हैं. लोगों से बेहद सतर्क रहने को कहा गया है. एक अधिकारी ने कहा कि आज इसका कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन वायरस के लक्षण वाले छह लोगों को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है जो कि लोगों से संपर्क कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेगा. निपाह वायरस से दो लोगों की मौत के बाद बालुसेरी स्थित एक अस्पताल में चार डॉक्टरों और नर्सों सहित कई कर्मचारियों को छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है.
स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा कि कोझिकोड और मलप्पुरम जिले में वायरस के दूसरे फेज में पहुंचने की आशंका के मद्देनजर सरकार ने एहतियाती कदम उठाए हैं और लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है. मंत्री की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल से विशेषज्ञों का दल स्थिति का आकलन कर रहा है.
केरल के उत्तरी जिलों में इस वायरस से अभी तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. रेसीन (25) का निधन कल निपाह वायरस के कारण हुआ. उसका इलाज पहले बालुसेरी अस्पताल में चल रहा था. उस समय निपाह वायरस की चपेट में आए निखिल नामक शख्स का इलाज वहां जारी था.
सूत्र ने बताया कि कोझिकोड जिला कलेक्टर निपाह वायरस के मद्देनजर जिले की मौजूदा स्थिति की एक रिपोर्ट केरल उच्च न्यायालय में दायर करेंगे. सूत्र ने बताया कि रिपोर्ट पूरी हो गई है. निपाह के कारण कोझिकोड जिला अदालत परिसर के एक अधीक्षक की मौत के कारण बार संघ ने कलेक्टर से कुछ समय के लिए जिला अदालत को बंद करने की अपील की है.
कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस के कारण एहतियाती तौर पर स्कूल नहीं खुले और वे पांच जून से शुरू होंगे. इस बीच ‘निपाह अलर्ट’ के तहत राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने 14 मई को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज, आपात सेवा, सीटी स्कैन रूम और प्रतीक्षा कक्ष आने वाले लोगों से तत्काल निपाह प्रकोष्ठ से संपर्क करने को कहा है.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 18 मई को बालुसेरी तालुक अस्पताल आने वाले लोगों से भी निपाह प्रकोष्ठ के संपर्क में रहने को कहा गया है. निपाह वायरस की जांच के लिए अभी तक 196 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है, जिनमें से 18 लोग इससे संक्रमित पाए गए. 16 लोगों की इससे मौत हो चुकी है.