मंगलवार को सीबीआई ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में गीतांजलि ग्रुप ऑफ कंपनीज के वाइस प्रेसिडेंट (बैंकिंग ऑपरेशंस) विपुल चितालिया को गिरफ्तार किया. जिसके बाद उन्हें 17 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया.
एजेंसी ने भारत लौटे चितालिया को मुंबई हवाईअड्डे पर हिरासत में लिया. यहां सीबीआई दफ्तर में उससे पूछताछ की गई और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.
चितालिया को मंगलवार दोपहर बाद यहां एक विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया. जस्टिस एस आर तांबोली ने चितालिया को 17 मार्च तक की सीबीआई की हिरासत में भेज दिया.
हाई कोर्ट पहुंची कंपनी
पीएनबी के 12,717 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में नीरव मोदी की कंपनी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. ईडी ने नीरव मोदी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में मामला दर्ज किया है और छापेमारी की कार्रवाई कर रही है. दिल्ली हाईकोर्ट ने नीरव मोदी की कंपनी की याचिका पर ईडी को नोटिस भेजा है.
फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लि. ने अपनी अपील में वित्त मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय को उसे सर्च वॉरंट की कॉपी देने का निर्देश देने को कहा है.
इसके अलावा नीरव मोदी की चल संपत्ति सीज करने पर रोक लगाने की मांग की गई है. साथ ही ईडी द्वारा जब्त संपत्ति और सर्च ऑपरेशन के दस्तावेज भी मांगे गए हैं. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर नीरव मोदी और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
विपुल चितालिया की गिरफ्तारी के अलावा मंगलवार को सीबीआई को इस केस में गिरफ्तार किए गए गोकुलनाथ शेट्टी की हिरासत मिल गई. पहले से ही सीबीआई की हिरासत में मौजूद पीएनबी के उप-प्रबंधक गोकुलनाथ को कोर्ट में पेश किया गया और मेहुल चौकसी से जुड़े केस में उनकी रिमांड मांगी गई.
बता दें कि पीएनबी के करीब 11400 करोड़ के घोटाले के संबंध में सीबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और इससे जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. नीरव मोदी विदेश में शरण लिए हुए है. जिसके चलते ईडी और सीबीआई आयकर विभाग के साथ मिलकर नीरव मोदी और उसकी कंपनी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर उसकी संपत्ति जब्त की है.