नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने दिल्ली हाईकोर्ट में ईडी के खिलाफ लगाई अपनी याचिकाएं वापस ले ली हैं. याचिकाओं को वापस लेने के पीछे वकीलों की तरफ से कारण ये बताया गया है कि अब संबंधित जांच एजेंसियों से जुड़े मामले में ही दोनों कंपनियां अपना पक्ष रखेंगी.
नीरव मोदी की कंपनी फायर स्टार डायमंड और मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जैम्स ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका मार्च के महीने में लगाई थी. दोनों की तरफ से मार्च में दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका लगाई गई थी कि ईडी ने उनकी संपत्तियों को गैरकानूनी तरीके से जब्त कर लिया है.
गौरतलब है कि कोर्ट ने दोनों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ईडी को नोटिस भी जारी कर दिया था. याचिका में मेहुल चोकसी ने कहा था कि ईडी ने गलत तरीके से उनकी संपत्ति अटैच की है और ईडी की कार्रवाई गैरकानूनी है.
मेहुल चोकसी के बाद कोर्ट में इस मामले में नीरव मोदी की तरफ से भी याचिका लगाई गई थी. इसके बाद नीरव मोदी और मेहुल चोकसी दोनों की याचिका को हाइकोर्ट ने अटैच कर दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट में कई सुनवाई दोनों याचिकाओं पर एक साथ हुई.
बता दें कि नीरव मोदी ने ईडी के अलावा अपनी संपत्तियों को पंजाब नेशनल बैंक के साथ जब्त करने के आदेश को भी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. नीरव और मेहुल ने न सिर्फ ईडी की सर्च और प्रॉपर्टी सीज करने की कार्रवाई को चुनौती दी थी. बल्कि इसको लेकर गाइडलाइन बनाने की मांग भी दिल्ली हाइकोर्ट से की गई थी.
मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के खिलाफ ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां मामला दर्ज करके जांच कर रही हैं. PNB के करीब 12 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला इन लोगों दर्ज है.