पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने शनिवार को मुंबई की एक अदालत से कहा कि बैंक ने अपने खराब प्रदर्शन को छुपाने के लिए सामान्य नागरिक बैंकिंग लेन-देन को अपराध का रंग दे दिया.
नीरव मोदी के वकील ने मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट के सामने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर जवाब दाखिल किया. ईडी ने अपनी याचिका में हीरा कारोबारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत भगोड़ा घोषित करने की मांग की है.
जवाब में कहा गया है, ‘हालांकि यह दिखाने की कोशिश की गई है कि आरोपी द्वारा एक गंभीर कृत्य किया गया है. हकीकत में यह एक सामान्य नागरिक बैंकिंग लेनदेन है जिसे अपराध का रंग दे दिया गया है.’
इसमें कहा गया, ‘यह कहा जा सकता है कि पीएनबी के अभियोजन की वजह बैंक की को-बैंकर्स के प्रति उसकी जवाबदेही से बचने की इच्छा थी. ताकि पीएनबी के खराब वित्तीय प्रदर्शन को लेकर किसी आलोचना से बचा जा सके.’
नीरव मोदी की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि वह सुरक्षा चिंताओं के अलावा इस कारण से भी भारत नहीं लौट सकता क्योंकि उसके मामले का राजनीतिकरण कर दिया गया है.
जवाब में ये भी कहा गया है कि उसे उसके खिलाफ हिंसक धमकियों के मद्देनजर अपनी सुरक्षा को लेकर डर है. सभी दलों के नेताओं का बयान यह दिखाता है कि उन्होंने उसके गुनाह के मुद्दे पर पहले से फैसला कर लिया है.और उसके मामले का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.'
नीरव मोदी ने जवाब में कहा कि जहां वह अपने खिलाफ मामला दर्ज किए जाने से काफी पहले देश छोड़कर चला गया था, वहीं ईडी ने खोखले दावों के जरिये अपराधों के लिए उसे फंसाने की कोशिश की.
भगोड़ा हीरा कारोबारी ने ईडी के सम्मन का सही जवाब देने का भी दावा किया. ईडी के मुताबिक, मोदी तीन बार उसके सम्मन का जवाब देने में नाकामयाब रहा. उसके बाद उसने एफईओए के तहत याचिका दायर की.
नीरव मोदी ने कहा कि ईडी ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि उसने अपने जवाब में कहा था कि वह इसलिए सफर नहीं कर सका क्योंकि उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुताबिक, नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने विदेश में कर्ज लेने के लिए धोखे से गारंटी पत्र (एलओयू) हासिल करके पंजाब नेशनल बैंक को 14000 करोड़ रुपए का चूना लगाया.