देश को झकझोरने वाला निर्भया केस कानूनी सुनवाई के चक्कर में फंस गया है और दोषियों की फांसी में लगातार देरी हो रही है. दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र ने अर्जी दी थी जिस पर अब शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में फाइनल सुनवाई होगी. केंद्र सरकार की दलील है कि दोषियों को एक साथ सजा देने के सवाल पर अब और देरी नहीं की जाए.
मामले में केंद्र की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने फांसी की सजा पर अमल की मंजूरी मांगी. वृंदा ग्रोवर ने दोषी मुकेश की ओर से दलील दी और कहा कि अभी कुछ कानूनी बिंदु हैं जिन पर स्पष्टता नहीं है.
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वृंदा ग्रोवर ने कहा हमें जवाब देने का वक्त मिले. कल ट्रायल कोर्ट में सुनवाई है. कोर्ट ने पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रावल से पूछा कि क्या वो कोर्ट की मदद कर सकते हैं. दोषी पवन के पास वकील नहीं है. क्या वो उसकी वकालत करेंगे. इसपर रावल ने असमर्थता जताई. संजय हेगड़े ने भी मना किया.
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तुषार मेहता और वृंदा ग्रोवर ने अंजना प्रकाश का नाम सुझाया तो कोर्ट ने गौरव अग्रवाल से भी सम्पर्क करने को कहा. कल दो बजे फिर मामले की आखिरी सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन की तरफ से बहस करने के लिए पूर्व जज और वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश को एमिकस नियुक्त किया.
सुप्रीम कोर्ट का दोषियों को नोटिस
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका पर चारों दोषियों को नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार निचली अदालत में डेथ वारंट जारी करने के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट में मामले का लंबित होने पर निचली अदालत में चल रही सुनवाई प्रभावित नहीं होगी.
दूसरी ओर राष्ट्रपति द्वारा खारिज दया याचिका के खिलाफ विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर राष्ट्रपति के फैसले की समीक्षा पर सवाल उठाए. दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. इसके बाद विनय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि उसकी दया याचिका के मामले में राजनीति की गई है.