निर्भया के नाबालिग दोषी को छोड़ने के खिलाफ जहां कोर्ट से रोड तक लड़ाई लड़ी जा रही है, वहीं देश की कमजोर कानून व्यवस्था के कारण रविवार को दोषी को रिहा कर दिया गया है. नाबालिग को फिलहाल दो साल एक एनजीओ की निगरानी में रखा गया है.
जानकारी के मुताबिक, निर्भया के नाबालिग दोषी को एक एनजीओ की निगरानी में तिमारपुर के ऑब्जर्वेशन सेंटर में रखा गया है. बताया जाता है कि नाबालिग की रिहाई को लेकर आदेश 9 दिसंबर को ही जारी कर दिया गया था. रविवार को दोषी ने तीन साल कैद की सजा पूरी कर ली है, ऐसे में आदेश रविवार से ही प्रभाव में आ गया. नाबालिग को दो-तीन दिन पहले ही गुप्त स्थान पर रखा गया था.
People gather at Rajpath, protest against the release of juvenile convict in Nirbhaya case. pic.twitter.com/lLpmjk70Nn
— ANI (@ANI_news) December 20, 2015
दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस की ओर से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद राजपथ पर निर्भया के माता-पिता की मौजूदगी में रिहाई के खिलाफ बड़ी संख्या में लोगों का प्रदर्शन जारी है. पुलिस ने एहतियातन पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है, वहीं प्रदर्शनकारी दोषी को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
दिल्ली महिला आयोग ने भी चिट्ठी लिखकर रिहाई पर रोक की मांग रखी थी. राजपथ पर प्रदर्शन के दौरान निर्भया की मां ने मायूसी भरे स्वर में कहा, 'यह समाज के लिए संदेश है. मैं जानना चाहती हूं कि सरकार किस तरह के अपराध का इंतजार कर रही है, जिससे वह जागेगी.'