निर्भया रेप कांड के दोषियों को देश की सर्वोच्च अदालत से बड़ा झटका लगा है. फांसी की सजा के फैसले के बाद विनय शर्मा और मुकेश ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है. इस पर निर्भया की मां आशा देवी की प्रतिक्रिया सामने आई है और उन्होंने संतुष्टि जाहिर की है.
आशा देवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि वह अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले सात साल से लड़ाई लड़ रही हैं. आज अदालत का फैसला उनके लिए बड़ा दिन है, लेकिन सबसे बड़ा दिन 22 जनवरी ही होगा जब दोषियों को फांसी दी जाएगी.
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: This is a big day for me. I had been struggling for the last 7 years. But the biggest day will be 22nd January when they (convicts) will be hanged. https://t.co/GBfPt9ezIb pic.twitter.com/uMPcVfP7Sf
— ANI (@ANI) January 14, 2020
बता दें कि बीते दिनों पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया रेप कांड के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया था. इस वारंट के हिसाब से 22 जनवरी की सुबह 7 बजे चारों को फांसी दी जाएगी. अभी चारों दोषी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.
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अभी दो ही दोषियों की याचिका खारिज
निर्भया के चार दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय में से सिर्फ मुकेश-विनय ने ही अभी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की थी. इस याचिका में अपील की गई थी कि फांसी की सजा से सिर्फ दोषियों ही नहीं बल्कि परिवार पर भी दबाव पड़ रहा है.
याचिकाकर्ता के माता-पिता वृद्ध और अत्यंत गरीब हैं. इस मामले में उनका भारी संसाधन बर्बाद हुआ और अब उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा है.
अब भी बचा है कोई रास्ता?
निर्भया के इन दो दोषियों के लिए अब अदालती रास्ता पूरी तरह से खत्म हो गया है. यानी दोषी अब दोबारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका नहीं डाल सकते हैं, हालांकि राष्ट्रपति के सामने एक बार दया याचिका दायर की जा सकती है. याचिकाओं के दौर से परे दोषियों को फांसी देने की तैयारी पूरी है और तिहाड़ में डमी के साथ रिहर्सल भी की जा चुकी है.