साल 2012 के निर्भया गैंगरेप के दोषियों का पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को डेथ वॉरंट जारी कर दिया. कोर्ट ने आदेश दिया कि इन चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. लेकिन डेथ वॉरंट जारी होने के बाद भी कई तरह की कानूनी पेचिदगियां हैं, जिनका सहारा लेकर निर्भया के दोषी फांसी की तारीख आगे बढ़वा सकते हैं.
दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करेंगे. इसका मतलब ये है कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई करता है और 14 दिनों के भीतर इस पर फैसला नहीं आता तो भी फांसी की तारीख आगे बढ़ सकती है. दूसरा विकल्प ये है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भी इन दोषियों की दया याचिका लंबित है. अगर राष्ट्रपति इन दोषियों की दया याचिका पर 14 दिनों में फैसला नहीं लेते तो भी फांसी की तारीख आगे खिसक सकती है.
लेकिन राष्ट्रपति भी फैसला लेने के लिए कानून मंत्रालय और गृह मंत्रालय की सिफारिशों को देखते हैं, जो इन दोषियों के खिलाफ हैं. ऐसे में राष्ट्रपति की ओर से भी दया की कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती. इसके अलावा चारों दोषी डेथ वॉरंट को भी चुनौती दे सकते हैं. हालांकि इसकी गुंजाइश काफी कम है क्योंकि इसे चुनौती देने के लिए काफी मजबूत आधार होना चाहिए. अब देखना ये है कि इन चारों दोषियों के वकील आगे क्या कदम उठाते हैं.
गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से डेथ वॉरंट जारी किए जाने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि मेरी बेटी को न्याय मिला. चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने का फैसला महिलाओं को सशक्त बनाएगा और लोगों का न्याय व्यवस्था पर विश्वास बढ़ेगा. वहीं निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले से खुश हूं. 22 जनवरी की सुबह 7 बजे दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा. इस फैसले से लोगों में ऐसे अपराध करने से पहले डर रहेगा.