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आखिरी पन्नेः जिंदगी की जंग लड़ते समय ये आखिरी लाइन लिखकर गई थी निर्भया

16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में घटी इस वीभत्स घटना को लेकर लोगों में जबर्दस्त रोष था और देशभर में बड़ी संख्या में लोग विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए थे. इन सब प्रतिक्रियाओं से अनजान वह लड़की अस्पताल में कई दिनों तक नाकाम संघर्ष कर रही थी.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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6 साल पहले हुए निर्भया गैंगरेप मामले के दोषियों की फांसी की सजा पर पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट की ओर से खारिज किए जाने के बाद आज फिर हर ओर उस निर्दोष लड़की के अंतिम समय की मनोदशा के बारे में चर्चा चल रही है. जानते हैं कि उस दुखदायी समय में निर्भया के मन में क्या चल रहा था और उसने अपनी मां से क्या कहा था?

जिंदगी-मौत की नाकाम संघर्ष

23 साल की यह लड़की गैंगरेप का शिकार होने के बाद जिंदगी और मौत के बीच कई दिनों तक संघर्ष करती रही. 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में घटी इस वीभत्स घटना को लेकर लोगों में जबर्दस्त रोष था और देशभर में बड़ी संख्या में लोग विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए थे. इन सब प्रतिक्रियाओं से अनजान वह लड़की अस्पताल में कई दिनों तक नाकाम संघर्ष करती रही.

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घटना के 6 साल बीत जाने के बाद आज भी यह अफवाह उड़ाया जाता रहा कि उसने अपने अंतिम संघर्ष के दौरान कई चिट्ठियां लिखी थी. 2012 में 16 दिसंबर की रात यह घटना घटती है और एक-दो दिन बाद यह घटना राष्ट्रीय स्तर पर छा जाता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीवन-मौत के बीच संघर्ष के दौरान 19 दिसंबर से लेकर 26 दिसंबर तक उसकी 6 चिट्ठियां आईं. उसकी हर चिट्ठियों में दर्द से हो रही अपार तकलीफों का जिक्र जरूर रहता था. लेकिन ऐसा कोई पत्र निर्भया की ओर से नहीं लिखा गया था.

तत्कालीन मंत्री ने क्या कहा था

हकीकत यह है कि गैंगरेप के बाद निर्भया के शरीर के अंदरुनी हिस्सा को काफी नुकसान पहुंचा था और उसकी स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई थी. रविवार रात की घटना के बाद चौथे दिन तत्कालीन महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ ने सरदरजंग अस्पताल में भर्ती निर्भया और उसके परिजनों से मिलने पहुंचीं थीं.

परिजनों से मिलने के बाद तीरथ ने कहा था कि निर्भया की आंत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है और उसका एक और ऑपरेशन किया जाएगा. अभी ऑपरेशन थिएटर में है, उसका सघन इलाज किया जा रहा है.

लिखकर कर रही बातचीत

निर्भया की स्थिति पर सवाल किए जाने के बाद कृष्णा तीरथ ने कहा कि वह अभी डॉक्टरों और रिश्तेदारों के साथ इशारों के जरिए और लिखकर बातचीत कर रही है. उन्होंने कहा कि वह लड़की किसी तरह घिसटकर लिख पा रही है, उसके बैक पर काफी दर्द है और कई समस्याओं का सामना कर रही है.

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तीरथ ने तब कहा था कि उसके परिजनों की मांग है कि गैंगरेप के दोषियों को फांसी की सजा दी जाए. घटना के बाद लड़की जब अपने पिता से मिली तो वह रोने लगी थी.

इसी दिन की सुबह (बुधवार) उसने (निर्भया) लिखकर मां को लिखकर कहा था, 'मां, मैं जीना चाहती हूं.'

लिखकर बताई अपनी आखिरी इच्छा

घटना के बाद नेताओं का अस्पताल जाने का सिलसिला बना रहा था. उस समय निर्भया को देखने अस्पताल गए बीजेपी नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा था, 'लड़की की स्थिति बेहद खराब है. डॉक्टरों ने उसके पिता को जानकारी दी है कि लड़की की छोटी आंत 20 फीट तक क्षतिग्रस्त हुई है. उसके पिता का कहना है कि अगर उसे निकाला गया तो उसकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. मां समेत उसका पूरा परिवार गहरे सदमे में है.'

विजेंदर गुप्ता ने बताया कि उस समय अस्पताल में मौजूद लोगों ने उनको बताया था कि लड़की ने अपनी मां से कहा था, 'मां, मैं जीना चाहती हूं.' उनके अनुसार, ये उसके आखिरी शब्द थे जो उसकी ओर से कहे गए थे.

इस घटना के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी निर्भया से मिलने अस्पताल गई थीं.

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