निर्मला सीतारमण ने रक्षामंत्री के तौर पर गुरुवार को पदभार संभाला लिया. पदभार संभालते ही उनका अधिकारिक ट्विटर अकाउंट बना, जिससे कुछ देर में ही 1200 लोग जुड़ गए. उनके फॉलोअर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. बता दें कि निर्मला देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री हैं. पिछले दिनों कैबिनेट फेरबदल में प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रक्षा मंत्रालय सौंपा.
रक्षा मंत्री बनते ही निर्मला सीतारमण का पहला फैसला
पदभार संभालने के तुरंत बाद ही उन्होंने अपना पहला फैसला लिया. उन्होंने रक्षा मंत्री एक्स-सर्विसमेन फंड (आरएमईडब्ल्यूएफ) से वित्तीय सहायता को मंजूरी दी.
अनुदान जारी किया
उन्होंने 8685 पूर्व सैनिकों, विधवाओं और आश्रित सैनिकों के लिए आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे फंड से 13 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान जारी किया.
Grant of more than Rs 13 cr will be released for 8685 ex-servicemen, widows and dependants out of the Armed Forces Flag Day Fund (2/2) pic.twitter.com/DdjrLddkxE
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) September 7, 2017
कामकाज संभालने के बाद निर्मला ने क्या कहा?
रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत रक्षा सामग्री का एक बड़ा खरीदार है. हालांकि, अब कई उत्पाद भारत में भी बनाए जा रहे हैं. भारत में जो रक्षा उत्पादक काम कर रहे हैं उनके लिए दुनिया में बाजार पर भी नजर होगी. इसके साथ ही सुरक्षाबलों का कल्याण, तैयारियां और उनके परिवार का कल्याण भी हमारी प्राथमिकता होगी.
निर्मला सीतारमण हैं JNU की पूर्व छात्र, कांग्रेसी MLA थे सास-ससुरनिर्मला सीतारमण साल 2006 में बीजेपी जॉइन की थी. साल 2014 में वो नरेंद्र मोदी के मंत्रालय का हिस्सा बनीं, इससे पहले वो बीजेपी के 6 प्रवक्ताओं में से एक थीं, जिनमें रविशंकर प्रसाद भी शामिल थे. निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडू के मदुरै में नारायण सीतारमण के घर हुआ था. उन्होंने सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से बीए किया और साल 1980 में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने गैट फ्रेमवर्क के तहत इंडो-यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड विषय पर पीएचडी की. निर्मला सीतारमण के पति डॉक्टर पराकाला प्रभाकर (Parakala Prabhakar) 2000 के शुरुआती दशक में बीजेपी की आंध्र प्रदेश इकाई के प्रवक्ता थे. इस दौरान निर्मला सीतारमण भी धीरे-धीरे बीजेपी में लोकप्रियता हासिल करती गईं. इसके बाद नितिन गडकरी के बीजेपी अध्यक्ष रहने के दौरान वर्ष 2010 में उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता चुना गया.