रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. एक दिवसीय बाड़मेर दौरे पर रक्षा मंत्री ने पश्चिमी सीमा के उत्तरलाई वायुसेना स्टेशन पर कहा कि यह चुनना सही नहीं होगा कि भारत को पाकिस्तान और चीन में से बड़ा खतरा किससे है.
उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ इतना ही कहूंगी कि भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.' थल सेना प्रमुख के हालिया बयान पर टिप्पणी करने से इंकार करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि वे युद्ध के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेगी, जिसमें उन्होंने देश को दोनों मोर्चो- पाकिस्तान और चीन से युद्ध के लिए तैयार रहने की बात कही है. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि सैन्य तैयारियों में कोई कमी नहीं रहे. साथ ही भारतीय सेना को और ज्यादा मजबूती प्रदान करने की दिशा में हरसंभव कदम उठाए जायेंगे.
खारिज की कैग की रिर्पोट
हालिया कैग रिपोर्ट को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह गलत तथ्य है. इस पर चर्चा करना अनावश्यक होगा, जिसमें सेनाओं के पास युद्ध की स्थिति में मात्र दस दिन के लिए गोलाबारूद होने की बात कही गई थी. उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री का पदभार संभालने के बाद उन्होंने इस मामले में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, विशेषज्ञों से चर्चा की है.
उन्होंने कहा कि सेना के लिए हथियारों और संसाधनों की खरीद एक सामान्य प्रक्रिया है. उन्होंने दावा किया कि भारतीय सेना के पास हथियारों की कोई कमी नहीं है.
सैन्य तैयारी सर्वोच्च प्राथमिकता
सीतारमण ने कहा कि पदभार संभालने के बाद उन्होंने सैन्य अधिकारियों, विशेषज्ञों से कई दौर की मुलाकात की है. इसके बाद इस बारे में प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी मिली है. उन्होंने कहा कि सैन्य तैयारी उनकी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी और सेनाओं के लिए संसाधनों और हथियारों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.
आतंकवाद से निपटने के लिए जरूरी कदम
एक अन्य सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि जम्मू कश्मीर में केन्द्र सरकार जम्मू कश्मीर सरकार के साथ मिलकर आतंकवाद से निपटने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी कई दुर्घटना गठित होने से पहले आतंकवादियों को रोका है. पाकिस्तान की ओर से कश्मीर मामले से बातचीत की पेशकश से जुड़े सवाल के जवाब में रक्षामंत्री ने कहा कि इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है.
प्रतिदिन तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात
उन्होंने कहा कि सैन्य जरूरतों और अन्य जरूरी निर्णयों के लिए वे प्रतिदिन दस बजे तीनों सेना प्रमुखों के साथ मुलाकात करेगी. उत्तरलाई वायुसेना स्टेशन की तारीफ करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस वायुसेना स्टेशन ने देश को कई मौके पर जीत दिलाई है और इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है. उत्तरलाई वायुसेना स्टेशन की जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जायेगा.