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राफेल डील के बारे में बताएगी हमारी सरकार, कांग्रेस भी बताए: रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री ने पूछा कि यूपीए सरकार में जब एचएएल के साथ 95 फीसदी करार फाइनल हो गया था, तो 5 फीसदी क्यों नहीं हो सका.

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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फाइल फोटो (पीटीआई)
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फाइल फोटो (पीटीआई)

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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राफेल डील मुद्दे पर 'आज तक' से खास बातचीत की. सीतारमण ने कहा कि फ्रांस के साथ राफेल करार नियमों के तहत किया गया और सरकार लोगों को इसके तथ्यों के बारे में बताएगी.

सीतारमण ने पूछा कि कांग्रेस बताए कि यूपीए सरकार में राफेल डील क्यों नहीं की गई. कांग्रेस की सरकार ने इस डील को आगे क्यों नहीं बढ़ाया. रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि उसे डील करने से किसने रोका था.

राफेल बनाने वाली फ्रेंच कंपनी दसॉ और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच करार न होने के सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा कि विमानों की कीमतें मैनपावर और प्रोडक्शन टाइमलाइन के आधार पर तय की गईं. इन दोनों मुद्दों पर दसॉ और एचएएल के बीच एकमत नहीं था. ऐसे में उनकी सरकार (यूपीए) में एचएएल के साथ दसॉका करार खत्म हो गया.

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विमानों की संख्या के सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा, यूपीए सरकार 18 तैयार विमान खरीदने की बात कर रही थी. बाकी के विमान भारत में एक खास अवधि में बनने थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. हमारी बातचीत साल 2014 में शुरू हुई जब भारतीय एयरफोर्स स्क्वॉड्रन की मांग 42 से 33 विमानों की रह गई. इसलिए हमने 36 तैयार विमान खरीदने का फैसला किया. यूपीए की सरकार में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की बात नहीं थी.

रक्षा मंत्री ने आगे कहा, राफेल करार प्रावधानों के अंतर्गत था और सभी प्रक्रियाओं का पालन हो रहा था तो कांग्रेस यह बताए कि एचएल के साथ 95 फीसदी करार हो गया, तो 5 फीसदी नहीं हो पाने के पीछे क्या सीक्रेसी थी. कांग्रेस को बताना चाहिए कि 5 फीसदी का मसला क्या था जिसने एचएएल को करार में आगे नहीं बढ़ने दिया.

अभी हाल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल डील को लेकर हमला बोला था. राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे का ठेका सरकारी कंपनी एचएएल को नहीं दिए जाने पर रक्षा मंत्री को अपने निशाने पर लिया. राहुल ने इस बारे में ट्वीट कर निर्मला पर 'झूठ बोलने' का आरोप लगाया.

इसी के साथ उन्होंने रक्षा मंत्री से इस्तीफा मांगा. एचएएल के पूर्व प्रमुख टीएस राजू के बयान से जुड़ी खबर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए गांधी ने कहा, 'भ्रष्टाचार का बचाव करने का काम संभाल रही RM (राफेल मिनिस्टर) का झूठ एक बार फिर पकड़ा गया है. एचएएल के पूर्व प्रमुख टीएस राजू ने उनके इस झूठ की कलई खोल दी है कि एचएएल के पास राफेल बनाने की क्षमता नहीं है.'

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