देश में इनोवेशन हो रहा है. इसमें सारे राज्य शामिल हैं. लेकिन सबसे ज्यादा इनोवेशन दक्षिण भारत के राज्यों में हो रहा है. ये जानकारी नीति आयोग (Niti Aayog) की रिपोर्ट में सामने आई है. नीति आयोग ने पहली बार इंडिया इनोवेशन इंडेक्स 2019 (India Innovation Index) जारी किया है. इसके अनुसार देश के पांच सबसे इनोवेटिव राज्य कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा हैं. सबसे कम इनोवेटिव राज्यों में झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान हैं.
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इंडिया इनोवेशन रैंकिंग 2019 को ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग (Global Innovation Ranking) के आधार पर बनाया गया है. इसमें देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं. इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की नई खोज के लिए बनाए गए माहौल पर ध्यान दिया गया है. भविष्य में नीति बनाने वालों को हर क्षेत्र में इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए नीति तैयार करने में सहायता होगी.
Recognising the role of innovation as a key driver of growth & prosperity for India, the #IndiaInnovationIndex was launched by VC @RajivKumar1 & CEO @amitabhk87.
The report offers a comprehensive snapshot of the innovation ecosystem of India.
Know more: https://t.co/6KkKZdmWuR pic.twitter.com/1ayeaXk3fQ
— NITI Aayog (@NITIAayog) October 18, 2019
निवेश के आधार से बेहतरीन है टॉप इनोवेटिव राज्य
इस रैंकिंग में जो राज्य टॉप पोजिशन पर हैं वे निवेश के लिहाज से भी बेहतरीन हैं. इस सूची में कर्नाटक है. इसके बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का स्थान रहा.
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तीन श्रेणियों में बनाई गई है सूची
इंडिया इनोवेशन रैंकिंग में तीन श्रेणियां बनाई गई हैं. बड़े राज्य, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, शहर और छोटे राज्य.
जानिए...किस श्रेणी में कौन से राज्य टॉप थ्री में
नीति आयोग के अनुसार किसी भी देश में कोई नीति तभी लागू की जा सकती है जब उसके सभी राज्यों की स्थिति को समझा जा सके. यानी वहां इनोवेशन के क्या हाल हैं. ये जानना बेहद जरूरी है. केवल राष्ट्रीय स्तर पर नीति बना देना काफी नहीं होगा. हर राज्य अपने संसाधनों और विशेषताओं के आधार पर अपनी नीति तैयार करते हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद इनोवेशन को लेकर देश के हर कोने में एक अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलेगी. साथ ही राज्य के विकास को लेकर अलग-अलग तरह की रणनीति बन पाएगी. इससे राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वे ज्यादा से ज्यादा इनोवेटिव होने का प्रयास करेंगे.