नरेंद्र मोदी सरकार में योजना आयोग की जगह नया 'नीति आयोग' ले सकता है. इसकी रूपरेखा पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री ने 7 दिसंबर को सभी मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों की बैठक बुलाई है. अंग्रेजी अखबार 'द हिंदुस्तान टाइम्स' ने यह खबर दी है. ऐसे हुई योजना आयोग की इतिश्री
आयोग के साथ-साथ बैठक में केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल सुधारने के नए तरीकों पर भी चर्चा होगी, ताकि 2014-15 में केंद्र की ओर से दिए जाने वाले 3 लाख करोड़ रुपयों के फंड का प्रभावी इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके. सभी मुख्यमंत्रियों के साथ यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली बैठक होगी. जानिए क्या है योजना आयोग
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बैठक में योजनाओं के 'नतीजा' आधारित कार्यान्वयन में आधार संख्या के इस्तेमाल पर भी चर्चा होगी. बताया जा रहा है कि इसी वजह से सरकार ने यूआईडीए और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम को नए आयोग के अंतर्गत रखने का फैसला किया है. सरकार मार्च 2015 तक सभी योग्य लोगों को आधार में नामांकित करने की तैयारी कर रही है.
नीति आयोग केंद्र और राज्य के मुद्दों पर चर्चा करने वाली अंतर्राज्यीय परिषद के लिए सचिवालय का काम भी करेगा. अब तक यह परिषद गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती थी.
नीति आयोग में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए चार विंग होंगे, इंटरस्टेट काउंसिल, प्लान इवैल्यूएशन, यूएआईडीएआई और डीबीटी. सूत्रों के मुताबिक एक योजना सचिव के बजाय नई व्यवस्था में चार सचिव होंगे जो इन चारों शाखाओं को देखेंगे. इस आयोग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे जबकि उपाध्यक्ष ही मुख्य काम देखेंगे.