इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 के मुंबई एडिशन में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के साथ-साथ देश के आर्थिक हालात पर चर्चा की. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिगड़ती अर्थव्यवस्था और कई सेक्टरों में आई मंदी पर कहा कि मंदी एक सामान्य प्रक्रिया है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था, प्रोडक्ट्स के डिमांड और सप्लाई के साथ-साथ वैश्विक नीतियों पर निर्भर करती है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारी जो सरकार है विकास के प्रति सहयोगात्मक रवैया रखती है. हमारा निवेश के प्रति फ्रैंडली रुख है. हम तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं. ये अलग बात है कि वैश्विक उतार चढ़ाव, डिमांड और सप्लाई के कारण पूरी दुनिया में उतार चढ़ाव आता रहता है.
5 ट्रिलियन की इकॉनमी पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने कहा हमें लगता है कि जिस तरह की नीति अपनाकर हम निवेश और निवेशकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, भविष्य में हमारा जो देश को 5 ट्रिलियन की इकॉनमी बनाने का लक्ष्य है, वह पूरा होगा. नए रोजगार का सृजन होगा. जीडीपी में बढ़ोतरी होगी.
अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का हमारा जो लक्ष्य होगा, वह निश्चित तौर पर पूरा होगा. नए रोजगारों का सृजन होगा. हमारे सरकार पर लोगों का भरोसा है. इसीलिए सरकार ने इतने निर्णय लिए हैं. जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा होगी.
चीन और यूएसए से बेहतर ग्रोथ रेट
इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने पूछा कि आप लगातार 5 ट्रिलियन की इकॉनमी की बात कर रहे हैं. इसके लिए कई क्षेत्रों में 8 से 9 फीसदी ग्रोथ पर फोकस करना होगा. क्या आप सच बताइए ऐसा कर पाना संभव है, या सरकार जुमले का इस्तेमाल कर रही है?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आप किसी भी देश का ग्रोथ रेट निकालकर देखिए. चीन का कितना है. यूएसए का कितना है. इन देशों की तुलना में हमारे देश का रेट अच्छा है. हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं.
राजदीप सरदेसाई ने इस पर टोकते हुए कहा कि सर हम फास्टेस्ट ग्रोइंग इकॉनमी नहीं हैं, हम लेकिन चीन और यूएसए से बेहतर कर रहे हैं. लेकिन वियतनाम हमसे ज्यादा अच्छा कर रहा है.
नितिन गडकरी ने जवाब दिया कि जब चाइना और यूएसए सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था हैं, हम उनसे अच्छा कर रहे हैं यह आप मानते हैं तो क्या ड्यू प्रोसेस में चीन और यूएसए के इकॉनमी के बराबर नहीं हो सकते.
जीवन में कभी उजाला होता है, कभी अंधेरा होता है, कभी जीत होती है, कभी हार होती है. हम भी कई चुनाव हारते हैं और जीतते हैं. अर्थव्यवस्था में भी संघर्ष है. हमारी विचारधारा में ही रोजगार निर्माण करना शामिल है. गरीबी हटाने के लिए भी निवेश बेहद जरूरी हैं. विदेशी निवेश के लिए भी हम लगातार कोशिश कर रहे हैं.
इस वजह से अर्थव्यवस्था में मंदी..
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि किसी भी इकॉनमी में वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण, डिमांड और सप्लाई की वजह से, सरप्लस प्रोडक्शन के कारण, बिजनेस सर्किल के कारण ये उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. यह स्थाई नहीं है.
इस फेस से हिंदुस्तान निकलेगा. हमारी अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट बढ़ेगा. कृषि ग्रोथ रेट बढ़ेगा. मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़ाव चल रहा है. जिस प्रकार के निर्णय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ले रही हैं, इसके सकारात्मक परिणाम भी जल्द निकलेंगे.
हर सेक्टर के लिए हो रहा है काम
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कृषि, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बेहतर सामंजस्य बैठाने की कोशिश की जाएगी, जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत हो. राजदीप सरदेसाई ने जब केंद्रीय मंत्री से पूछा कि क्या सरकार मान रही है कि अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है और कंपनियां निवेश नहीं कर रही हैं?
इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं. निवेशकों का इस सरकार पर विश्वास है. यह सबसे प्रोग्रेसिव सरकार है. ये सरकार निवेश के लिए दोस्ताना रवैया रखती है. यह सरकार उदारवादी रवैया रखकर हर सेक्टर के लिए काम कर रही है. केवल आप टैक्स रिफॉर्म की बात करें जीएसटी सरकार ने लॉन्च किया, पहली बार में उसे सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया. 1,200 बिल और कानूनों में बदलाव किया गया है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में लगातार सुधार किए गए हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम लगातार लाइसेंस राज को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं यह मानता हूं कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में यह बात आपको स्वीकारनी होगी कि पिछले 5 साल में रोड, शिपिंग, रेलवे इसमें काफी विकास हुआ है.
सरकार निवेशकों के साथ खड़ी
केंद्रीय मंत्री ने मंदी के सवाल पर कहा कि यह भी बात सही है कि 5 साल में हमने एक्सिलरेट करने के बाद कुछ समस्याएं वैश्विक अर्थव्यवस्था की वजह से हैं. डिमांड और सप्लाई की वजह से भी कुछ समस्याएं हैं, साथ ही बिजनेस साइकिल की वजह से कुछ दिक्कतें सामने आ रही हैं. हर जगह पर हर देश में ऐसे उतार चढ़ाव आते रहते हैं.
सरकार निवेशकों के साथ खड़ी है. इसलिए लगातार हमारी वित्त मंत्री काम कर रही हैं. मैंने और निर्मला सीतारमण ने कई MSME के सभी संगठनों को बुलाया, हमने उनके साथ चर्चा की. एक-एक समस्याओं को नोट किया. उन चर्चाओं के दौरान जो बातें निकलकर आईं उन पर गौर किया गया.
इनकम टैक्स के बारे में आज की स्थिति में रियल स्टेट दिक्कत में है. कुछ बातें सही हैं. रियल स्टेट कारोबारियों को फिर से हिम्मत देने के लिए, आत्म विश्वास बढ़ाने के लिए ये निर्णय किए गए हैं और इन सब निर्णयों का उपयोग होगा.