केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की कथित जासूसी के बहाने मोदी सरकार और बीजेपी पर विपक्ष के हमले तेज हो गए हैं. हालांकि गडकरी ने अपने घर में जासूसी उपकरण मिलने से जुड़ी खबर का खंडन कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस ने मामले की जांच और संसद में सफाई की मांग कर दी है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार को इस मसले पर संसद में सफाई देनी चाहिए. वहीं संदीप दीक्षित ने इसे सरकार की मंत्रियों के बीच भरोसी की कमी बताया है.
इससे पहले परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को ट्वीट करके कहा कि जासूसी उपकरण मिलने की बात महज 'अटकलबाजी' है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मीडिया के एक हिस्से में मेरे नई दिल्ली निवास पर श्रव्य उपकरण मिलने की जो खबर आई है, वह बिल्कुल ही अटकलबाजी है.’
Reports in a section of the
media about listening devices having been found at my New Delhi residence are highly
speculative
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 27,
2014
गौरतलब है कि वाशिंगटन पोस्ट में छपी खबर में दावा किया गया था कि गडकरी के घर से अत्याधुनिक जासूसी उपकरण
बरामद किया गया था. गडकरी के सरकारी बंगले 13 तीन मूर्ति लेन में हाई पावर लिसनिंग डिवाइसेज़ मिले थे, जो
काफी एडवांस्ड हैं. सोनिया गांधी की ओर से दी गई इफ्तार पार्टी में पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार को घेरते हुए मांग की कि जासूसी उपकरण मिलने की रिपोर्ट की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी मंत्री के घर की जासूसी अच्छे संकेत नहीं हैं.
मनमोहन ने इफ्तार पार्टी में संवाददाताओं से कहा, ‘अगर मंत्रियों के निवास की जासूसी होती है, तो यह शुभ संकेत नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए. यह कैसे हो सकता है? सरकार को इस पर संसद में स्पष्टीकरण देना चाहिए.’
बीजेपी के सुब्रह्मण्यम स्वामी ने खबर को कह कर जिंदा कर दिया कि घटना अक्टूबर की है. मतलब, उस वक्त केंद्र में यूपीए की सरकार थी और इसकी जिम्मेदारी पुरानी सरकार की ही बनती है. इतना नहीं स्वामी ने कांग्रेस को लककारते हुए कहा कि अगर मुद्दा संसद में उठाता है तो वो भी यूपीए की कलई खोलेंगे.