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अगले महीने पूरा हो जाएगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का पहला चरण: नितिन गडकरी

इस सड़क के बनने के बाद दिल्ली से मेरठ जाने में 45 मिनट का ही समय लगेगा, जबकि फिलहाल इस रूट पर अक्सर ट्रैफिक जाम होने की वजह से 3 घंटे से ज्याद समया लग जाता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 दिसम्बर 2015 को इस सड़क की आधार शिला रखी थी, लेकिन उसके कई महीनों बाद भी इस सड़क पर काम शुरू ही नहीं हो पाया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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भारत के पहले 14 लेन के दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के पहले चरण का काम अगले महीने पूरा हो जाएगा. इस हाईवे पर 14 लेन के अलावा 2.5 मीटर का साइकिल ट्रैक भी होगा. ये बात मंगलवार को परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यहां चल रहे काम का खुद मुआयना करने के बाद बताया. गडकरी ने कहा कि इस सडक पर काम तय समय से पहले पूरा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस सड़क को बनाने के लिए 30 महीने का समय दिया गया था, लेकिन ये 14 महीने में ही पूरा हो रहा है.

इस सड़क के बनने के बाद दिल्ली से मेरठ जाने में 45 मिनट का ही समय लगेगा, जबकि फिलहाल इस रूट पर अक्सर ट्रैफिक जाम होने की वजह से 3 घंटे से ज्याद समया लग जाता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 दिसम्बर 2015 को इस सड़क की आधार शिला रखी थी, लेकिन उसके कई महीनों बाद भी इस सड़क पर काम शुरू ही नहीं हो पाया था. इस बारे में तमाम मीडिया रिपोर्टस् के बाद परिवहन मंत्रालय ने इस पर काम शुरू कराया और फिलहाल नेशनल हाईवे 24 पर तेजी से काम चल रहा है. इस सड़क के बनने पर 7566 करोड़ रूपये खर्च हो रहे हैं.

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आज सड़क पर हो रहे काम का मुआयना करने के बाद नितिन गडकरी ने कहा कि निजामुद्दीन पुल से दिल्ली यूपी बार्डर तक एक्सप्रेस वे के पहले चरण का काम 75 फीसदी पूरा हो चुका है और इस पर तेजी से काम चल रहा है. गडकरी से जब पूछा गया कि इस एक्सप्रेस वे पर चल रहे काम और खुदाई की वजह से दिल्ली में प्रदूषण और ज्यादा बढ रही है तो उन्होंने कहा कि इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि जहां मिट्टी का काम चल रहा है वहां पानी का छिड़काव लगातार किया जाए ताकि धूल नहीं उड़े. गडकरी ने कहा कि सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि सड़क को साफ कराने के लिए वैक्युम क्लीनर का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो, जिससे धूल की समस्या पर काबू पाया जा सकेगा.

देश के सबसे चौड़े इस सड़क पर बीच में 6 लेन का एक्सप्रेस वे होगा और दोनों तरफ 4 लेन के हाईवे होंगे ताकि शहर के ट्रैफिक को बाहर से आने जाने वाले ट्रैफिक से अलग किया जा सके. इस एक्सप्रेस वे का पहला चरण करीब नौ किलोमीटर का है. जिसमें यमुना पुल पर वर्टिकल गार्डेन और सड़कों पर सोलर लाइट भी लगेंगे. सड़क  के किनारे 40,000 पौधे भी लगाए जा रहे हैं.

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