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3 महीने में गडकरी का पांचवां बयान- जो घर नहीं संभाल सकता, देश क्या संभालेगा

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का अजीबोगरीब बयान देना जारी है जो सत्ता पक्ष की जगह विपक्ष को खूब रास रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को उनके बयान से पल्ला छुड़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने एक दिन पहले ही बीजेपी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व कार्यकर्ताओं से कहा था कि जो घर नहीं संभाल सकता वो देश क्या संभालेगा.

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (फाइल-PTI)
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (फाइल-PTI)

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लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का अजीबोगरीब बयान देना जारी है जो सत्ता पक्ष की जगह विपक्ष को खूब रास रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को उनके बयान से पल्ला छुड़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने एक दिन पहले ही बीजेपी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व कार्यकर्ताओं से कहा था कि जो घर नहीं संभाल सकता वो देश क्या संभालेगा.

नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा था कि पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं को पहले अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए जो ऐसा नहीं कर सकता, वो 'देश नहीं संभाल सकता.' केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'मैं ऐसे कई लोगों से मिला जिन्होंने कहा कि हम बीजेपी और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं. मैं (ऐसे लोगों से) कहता हूं कि आप क्या कर रहे हैं, आपके परिवार में और कौन-कौन लोग हैं. तो वह बताता है कि मैंने अपनी दुकान बंद कर दी है क्योंकि वो ठीक से नहीं चल रही थी. परिवार में पत्नी, बच्चे हैं.'

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उन्होंने कहा, 'मैं (उनसे) कहता हूं, पहले अपने घर की देखभाल करो क्योंकि जो घर नहीं संभाल सकता, वो देश नहीं संभाल पाएगा. ऐसे में पहले अपना घर संभालें, बच्चे और संपत्ति देखने के बाद ही पार्टी और देश के लिए काम करें.'

इससे पहले, 27 जनवरी को महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान चुनाव में किए जाने वाले वादों का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा था, 'सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है, इसलिए वही सपने दिखाओ जो पूरे हो सकते हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं सपने दिखाने वालों में से नहीं हूं, जो भी बोलता हूं वह डंके की चोट पर बोलता हूं.' हालांकि उनके इस बयान के बाद AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट के जरिए चुटकी लेते हुए लिखा, '@PMOIndia सर @nitin_gadkari आपको आईना दिखा रहे हैं और वो भी बड़ी चालाकी से'.

नितिन गडकरी इससे पहले बीजेपी के 'अच्छे दिन' के स्लोगन पर भी सवाल उठा चुके हैं. आजतक के ही एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा था कि 'अच्छे दिन' होते ही नहीं हैं, यह तो मानने वाले पर निर्भर करते हैं.

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26 जनवरी को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा था, '10 लाख करोड़ से ज्यादा का काम मैंने कराया, लेकिन कोई भी मुझ पर एक रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता है. मैं घोषणा हवा में नहीं करता, जो बोलता हूं डंके की चोट पर करके दिखाता हूं.'

पिछले साल दिसंबर में 3 राज्यों में मिली हार के बाद 24 दिसंबर को एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा था, 'यदि मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद और विधायक अच्छा नहीं करते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?'. साथ ही उन्होंने खुलकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का समर्थन किया था और उनकी तारीफ भी की थी.

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