दिल्ली के ताज पैलेस होटल में चल रहे 'इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2015' के एक सेशन में रेल मंत्री सुरेश प्रभु, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने सवालों के जवाब दिए. गडकरी ने दावा कि दो साल के अंदर देश में रोजाना 30 किलोमीटर सड़क बनेगी. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव: उस हार पर सचिन को आज भी है पछतावा
गडकरी ने बताया, 'जब उन्हें परिवहन मंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला था, तब औसतन 2 किलोमीटर प्रति दिन के हिसाब से सड़कें बन रही थीं. फिलहाल यह औसत 11 किलोमीटर प्रति दिन है और मैं भरोसा दिलाता हूं कि दो साल बाद यह औसत 30 किलोमीटर प्रति दिन के हिसाब से होगी.' सड़कों की क्वालिटी के सवाल पर गडकरी ने कहा कि हम सीमेंट कंकरीट रोड बना रहे हैं. मुंबई-पुणे हाइवे इसका उदाहरण है, जहां कोई दिक्कत नहीं आ रही. हम सीमेंट की बुकिंग बिलकुल पारदर्शिता के साथ कर रहे हैं. हमारी पहली प्राथमिकता लागत कम करके कवालिटी बेहतर बनाना है.
रिफॉर्म का असर तुरंत नहीं दिखता
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रिफॉर्म का असर दिखने में वक्त लगता है. आगे बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी और दाम घटेंगे. कुछ वक्त के लिए लोगों को दर्द झेलना पड़ता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में आर्थिक सुधारों के अच्छे नतीजे दिखेंगे.
आम आदमी को नहीं चाहिए मुफ्त बिजली
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के मुफ्त पानी और आधे दाम पर बिजली देने की घोषणा पर प्रभु ने कहा कि आम आदमी फ्री बिजली की उम्मीद नहीं करता, बल्कि वो कम दामों पर बिजली चाहता है. हम उसी पर काम कर रहे हैं. आगे बिजली उत्पादन बढ़ेगा तो बिजली के दाम घटेंगे. मां बच्चे को वो नहीं देते, जो वो चाहता है, बल्कि वो देती है, जिसकी जरूरत होती है. पॉलिसी बनाने वाले लोगों के सामने भी वही चुनौती है. गडकरी ने मुफ्त बिजली-पानी के मुद्दे पर कहा कि सब कुछ मुफ्त देना सरकार के लिए बहुत मुश्किल है. राज्य सरकारों और केंद्र सरकार में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. यह
पॉपुलर पॉलिटिक्स है. कुछ वक्त दीजिए और देखिए. आपको सब समझ में आ जाएगा.
एयर इंडिया का निजीकरण
वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने एयर इंडिया को बेचने के सवाल पर सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सरकार एयर इंडिया को बेचेगी या नहीं, ये मैं नहीं कह सकता. इस तरह के फैसले बहुत मुश्किल होते हैं, इन पर इतनी जल्दी फैसले नहीं लिए जा सकते. हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता यह है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लाया जाए.
बदल देंगे रेलवे की तस्वीर
रेल मंत्री ने कहा कि अगर हमें 10 साल मिले तो हम रेलवे को पूरी तरह बदलकर रख देंगे. जब मैं केजी में पढ़ता था, तब पीएचडी मेरे लिए बहुत मुश्किल थी. हमें रेलवे को बदलने के लिए पर्याप्त वक्त चाहिए. अरविंद सुब्रमण्यन ने उम्मीद जताई कि चीन की तरह भारतीय रेल भी बदलेगी.
व्यापारी की तरह नई चलाएंगे सरकार
गडकरी ने कहा कि आर्थिक सुधारों की दिशा में हम कई बड़े फैसले पहले ही ले चुके हैं. कहावत है कि जिसका राजा व्यापारी, उसकी जनता भिखारी. हम व्यापारी के तौर पर सरकार नहीं चलाना चाहते.