पीएम नरेंद्र मोदी ने पटना विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष समारोह में शिरकत की. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी मंच साझा किया. वहीं अपने भाषण में नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने मांग की.
समारोह में नीतीश कुमार ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि पटना यूनिवर्सिटी के साइंस कॉलेज में पढ़ाई करना सौभाग्य की बात, इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं जाना चाहते थे. नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश उत्सव में हिस्सा लिया था, तभी यह बात हुई थी कि पीएम अलग से फिर पटना आएंगे. साथ ही नीतीश ने पीएम से पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी की मांग की और पीएम मोदी से कहा कि सभी आपकी तरफ बड़ी उम्मीदों से देख रहे हैं.
हालांकि पीएम मोदी ने नीतीश कुमार कुमार की इस मांग को समारोह में अपने भाषण के दौरान टाल दिया. पीएम ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय बीते हुए कल की बात है. वह यहां कुछ नया देने के लिए आए हैं, कुछ ऐसा जो देश के विश्वविद्यालयों को आगे ले जाए. उन्हें ग्लोबल स्तर का बनाए.
पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके बाद उस योजना की घोषणा कि जिसके तहत देश की 20 विश्वविद्यालयों को 10 करोड़ रुपये की मदद मिलेगी. यह फंड 10 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 10 पब्लिक यूनिवर्सिटी को बांटा जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस योजना की पूरी जानकारी इस भाषण में दी.
पीएम नरेंद्र मोदी के अनुसार इस फंड के लिए आवेदन करने वाले देशभर के विश्वविद्यालयों के बीच एक प्रतिस्पर्धा होगी. इस प्रतिस्पर्धा में जो विश्वविद्यालय अच्छा करेंगे उन्हें ही इस फंड का हिस्सा बनाया जाएगा. इस फंड की मदद से इन विश्वविद्यालयों को ग्लोबल स्टैंडर्ड का बनाने की कोशिश की जाएगी.
पीएम मोदी ने कहा कि 10 हजार करोड़ फंड योजना में शामिल होने के लिए इन यूनिवर्सिटीज का चयन नेता नहीं करेंगे. प्रफेशनल एजेंसियां इन 20 विश्वविद्यालयों का चयन करेंगी. सभी विश्वविद्यालयों को इसके लिए अच्छा परफॉर्म करना पड़ेगा.
स्टूडेंट्स हुए निराश
100 वर्ष का यह जर्जर पटना विश्वविद्यालय अपने गौरवशाली अतीत को याद कर जी रहा है. जहां शिक्षकों की भारी कमी है. मूल भूत सुविधाओं की कमी है. ऐसे में क्या यह वर्ल्ड क्लास विश्वविद्यालय के रेस में खड़ा हो सकेगा. इस पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी तरफ से पूरजोर मांग रखी थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक लक्ष्य दिया है उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे. वही पूर्व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मुझे बहुत निराशा हुई है. प्रधानमंत्री को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देना चाहिए था. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और प्राध्यापक सूर्यमणि सिंह ने भी कहा कि प्रधानमंत्री ने गोल गोल कर के सबको घूमा दिया. स्टूडेंट्स प्रधानमंत्री के सम्बोधन पर मोदी मोदी के नारे लगा रहे थे, वही स्टूडेंट्स केन्द्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा न होने से बेहद निराश दिखे.
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की वर्तमान और पूर्व की शिक्षा व्यवस्था पर बोला. पूर्व के प्रधानमंत्रियों पर हमला करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले जितने प्रधानमंत्री हुए हैं, वह मेरे लिए कई अच्छे काम छोड़कर गए हैं. इसके बाद उन्होंने कहा कि पहले दुनिया हमें सांप संपेरों का देश मानती थी. पहले वह सोचते थे भारत यानी भूत प्रेत, भारत यानी अंधविश्वासों का देश. लेकिन जब आईटी रेवोल्यूशन में हमारे बच्चों ने ऊंगलियों पर दुनिया दिखाना शुरू कर दिया तो दुनिया की आंखें खुल गई. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास टैलेंट की कमी नहीं है. आज हमारे पास 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम के युवा की है. मेरा हिंदोस्तान जवां है, मेरे हिंदोस्तान की सपने भी जवां है.