बिहार की राजनीति में शुरू हुई आम की सियासत में एक और अध्याय जुड़ गया है. नीतीश जब पटना से दिल्ली पहुंचे, तो एक हजार पेटी आम लेकर पहुंचे. ये आम खास अफसरों और नेताओं के लिए थे. हालांकि जेडीयू का कहना है कि ऐसे आम तो नीतीश हर साल बांटते हैं.
दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार में आमों को लेकर खूब बवाल हुआ. दरअसल पटना के 1 अणे मार्ग स्थित सीएम निवास को जीतनराम मांझी ने अभी तक खाली नहीं किया है. सीएम आवास में आम और लीची के कई पेड़ हैं, साथ ही कई सब्जियां भी लगाई गई हैं. सीएम नीतीश कुमार ने यहां पुलिसकर्मियों की फौज तैनात कर दी, ताकि मांझी का परिवार फल-सब्जियां न तोड़ सके. इस काम में 8 सब-इंस्पेक्टर और 16 कॉन्स्टेबल तक लगाए गए.
बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के मौजूदा सरकारी आवास पर आम-लीची के पेड़ों की निगरानी में पुलिस तैनात किए जाने का मामला मीडिया में आने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने तुरंत सफाई दी. नीतीश ने पटलवार करने के अंदाज में कहा, 'हमें अवाम की चिंता है, जबकि मांझी को आमों की.' उधर, जीतनराम मांझी ने आरोप लगाया कि दलित होने की वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है. मांझी ने कहा, 'भला यह भी कोई मुद्दा है? इससे नीतीश की मानसिकता का पता चलता है.'