भाजपा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के राज्य विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने में कोई आपत्ति नहीं है और राजग के कार्यकारी अध्यक्ष 19 अक्टूबर से राज्य के चुनावी प्रचार में हिस्सा लेंगे.
चुनावी प्रचार के बाद लौटे पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘नीतीश कुमार ने खुद मुझसे कहा है कि उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने में कहीं कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि वह तो इसके लिए उनका पूरा स्वागत करेंगे.’
नीतीश के साथ आडवाणी के संयुक्त प्रचार के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने सीधा उत्तर नहीं देते हुए कहा, संयुक्त प्रचार को लेकर कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. संयुक्त प्रचार का हमारा अर्थ है कि भाजपा जदयू के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करे और जदयू भाजपा के उम्मीदवारों के लिए. और ऐसा हो रहा है. स्वयं नीतीश कुमार भाजपा के 16 उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर चुके हैं और ऐसा ही भाजपा नेताओं ने जदयू के आठ उम्मीदवारों के लिए किया है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले 2005 में दो बार हुए विधानसभा चुनावों में भी नीतीश और आडवाणी ने संयुक्त चुनाव प्रचार नहीं किया था. केवल अंत में पटना में दोनांे नेताओं की संयुक्त रैली आयोजित हुई थी.
ऐसी खबरें हैं कि अयोध्या स्वामित्व का फैसला आने के बाद आडवाणी पर जदयू का दबाव है कि वह 21 अक्टूबर को पहले चरण में होने वाले चुनाव क्षेत्रों में प्रचार के लिए नहीं जाएं, जहां कई सीटों में मुस्लिम बहुल आबादी है. आडवाणी 19 को बिहार जा रहे हैं जो इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार के लिए अंतिम दिन है.