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अरुण जेटली ने बिहार सरकार को बताया संवेदनहीन, लापरवाह और उदासीन

बीजेपी ने पटना में 'हुंकार रैली' में हुए बम विस्फोटों को पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर हमला बताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया है. बीजेपी ने नीतीश कुमार के इस दावे को गलत बताया कि राज्य सरकार को ऐसे किसी आतंकी हमले की कोई खुफिया चेतावनी नहीं मिली थी. इस बात की जांच कराने की मांग भी उठाई कि इस षड़यंत्र के पीछे किसका हाथ है.

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हुंकार रैली में बीजेपी नेता
हुंकार रैली में बीजेपी नेता

बीजेपी ने पटना में 'हुंकार रैली' में हुए बम विस्फोटों को पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर हमला बताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया है. बीजेपी ने नीतीश कुमार के इस दावे को गलत बताया कि राज्य सरकार को ऐसे किसी आतंकी हमले की कोई खुफिया चेतावनी नहीं मिली थी. इस बात की जांच कराने की मांग भी उठाई कि इस षड़यंत्र के पीछे किसका हाथ है.

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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने सोमवार को कहा, 'बिहार के मुख्यमंत्री और पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्हें आतंकी हमले के संबंध में कोई खुफिया चेतावनी नहीं मिली थी. लेकिन यह तथ्यात्मक रूप से सही नहीं लगता.' उन्होंने कहा कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने 1 अक्तूबर को बिहार के पुलिस महानिदेशक सहित विभिन्न राज्यों को लिखे पत्र में चेतावनी जारी की थी कि इंडियन मुजाहिदीन कुछ शहरों पर हमले की योजना बना रहा है.

उनके अनुसार, '23 अक्तूबर को आईबी ने बिहार पुलिस को खासतौर पर चेतावनी दी कि नरेन्द्र मोदी की पटना रैली को इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी निशाना बना सकते हैं.'

जेटली ने कहा कि खुफिया चेतावनी मिलने के बावजूद नीतीश सरकार ने मोदी रैली की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संवेदनहीन, लापरवाह और उदासीन रवैया अपनाया.

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जेटली ने मांग की है कि रविवार को मोदी की रैली में हुए सीरियल विस्फोटों की जांच कराई जाए कि इनके पीछे कौन है. गांधी मैदान और उसके आस-पास हुए इन विस्फोटों में छह लोग मारे गए और अनेक घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि पटना में जो चूक हुई वह अन्यत्र नहीं दोहराई जाए.

उन्‍होंने कहा, 'आज मोदी की रैली में ऐसा हुआ है, कल प्रधानमंत्री की रैली में हो सकता है इसलिए एहतियाती कदम उठाना जरूरी है.'

उन्होंने कहा कि रैली शुरू होने के बाद गांधी मैदान में विस्फोट हुआ. ऐसा होने पर पार्टी को सलाह दी गई कि रैली के कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ाया जाए. लेकिन ऐसा करने पर वहां एकत्र लाखों लोगों की भीड़ में भगदड़ मच सकती थी. इसलिए पार्टी ने जोखिम उठाते हुए कार्यक्रम को जारी रखने का निर्णय किया.

उन्‍होंने बताया कि लोगों में बम विस्‍फोट की खबर नहीं पहुंचे इसके लिए मंच से जानबूझ कर यह ऐलान करवाया गया कि लोग पटाखे नहीं छोड़ें .

जेटली ने कहा, 'हमारा भाग्य बहुत अच्छा था कि यह बात काम कर गई और लोगों को बम विस्फोट का संदेह नहीं होकर यही लगा कि किसी ने पटाखे छोड़े हैं. इससे भगदड़ जैसी स्थिति नहीं हुई, अन्यथा इतनी विशाल भीड़ में अगर ऐसा होता तो अनहोनी की कल्पना करना भी मुश्किल है.

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बीजेपी नेता ने कहा कि ‘हुंकार रैली’ में रविवार को हुए सीरियल विस्फोट देश की 'कमजोर सुरक्षा स्थिति' का सबूत है. इससे संदेश जाता है कि कोई भी आतंकवादी जब चाहे कहीं भी ऐसी वारदात को अंजाम दे सकता है.

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कुछ विधानसभाओं तथा उसके बाद लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां और तेज होंगी. ऐसे में केन्द्र और राज्य सरकारों को सुरक्षा के बेहतर वातावरण के लिए अपने को तैयार करना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग वोट बैंक की राजनीति के चलते आतंकवाद के प्रति नरम रुख  अपनाए हुए हैं, लेकिन आतंकवाद के प्रति नरमी, देश की सुरक्षा के प्रति नरमी नहीं बने.

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