दिल्ली उच्च न्यायालय ने नीतीश कटारा हत्या मामले में बिना किसी छूट के 30 साल जेल की सजा काट रहे विकास यादव की पैरोल अवधि को बढ़ाने से आज इंकार कर दिया और उससे तुरंत समर्पण करने को कहा. न्यायाधीश ए के पाठक ने कहा, ' याचिकाकर्ता विकास को एक सप्ताह की हिरासतन पैरोल दी गई थी. याचिकाकर्ता ने पैरोल की अवधि बढ़ाने के लिए कोई विशेष आधार नहीं दिया है.' उन्होंने साथ ही कहा कि विकास को तत्काल जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण कर देना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के नेता डी पी यादव के पुत्र विकास ने समर्पण करने के लिए यह कहते हुए 21 दिन की पैरोल मांगी थी कि वह अपील तैयार नहीं कर सका है जिसके लिए वह बाहर आया था. हत्या के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए याचिका तैयार करने के संबंध में विकास ने पैरोल मांगी थी और अदालत ने उसे पिछले महीने सात दिन की पैरोल दी थी.
विकास को दो अन्य के साथ आईएएस अधिकारी के पुत्र और बिजनेस एग्जीक्यूटिव कटारा की हत्या के मामले में निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. विकास अपनी बहन भारती के साथ कटारा के प्रेम संबंधों के खिलाफ था जिसके चलते 16.17 फरवरी 2002 की दरम्यानी रात को नीतीश की हत्या कर दी गई थी.