सियासत में हम एक-दूसरे के विरोधी हैं, पर दुश्मन नहीं. ऐसा कहते हुए, आपने और हमने कई नेताओं को सुना है. पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी से इस कदर नाराज हैं कि मानों दुश्मनी ही कर ली हो.
दरअसल, आज नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है पर नीतीश ने उन्हें बधाई नहीं दी. बधाई देना या न देना नीतीश का निजी फैसला है, इस पर सवाल नहीं उठता. पर सियासी शिष्टाचार में इसे गलत ही माना जाता है.
अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही ले लीजिए. नरेंद्र मोदी हर दूसरे दिन पीएम पर निशाना साधते हैं, उन पर तरह-तरह के तंज कसते हैं. पर मंगलवार को पीएम ने खुद फोन करके नरेंद्र मोदी को बधाई दी.
अब लाल कृष्ण आडवाणी भी तो कथित तौर पर मोदी से नाराज चल रहे हैं. पर उन्होंने भी मोदी को शुभकामनाएं दी. कभी साथी रहे और अब विरोधी बन चुके गुजरात के नेता केशुभाई पटेल ने भी सियासी शिष्टाचार निभाते हुए मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं.
बधाई के सवाल पर नीतीश कुमार ने साधी चुप्पी
दरअसल, आज पटना में नीतीश कुमार किसी समारोह में हिस्सा लेने के बाद लौट रहे थे. आयोजन स्थल के बाहर मीडिया का जमावड़ा था. नीतीश जैसे करीब पहुंचे, रिपोर्टरों ने उनसे नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के बारे में पूछा. पर नीतीश कुमार कुछ न बोले. सीधे अपने कार में जाकर बैठ गए और अपने कारवां के साथ वहां से रवाना हो गए.
नीतीश कुमार ने भले ही मोदी को बधाई नहीं दी. पर उनकी ही पार्टी के नेता केसी त्यागी ने मोदी के लिए 100 साल के जीवन की कामनाएं की हैं.