बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि नीतीश कुमार ने आरजेडी और जेडीयू के बीच गतिरोध दूर करने की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार के साथ खड़ी रहने वाली कांग्रेस को देकर दूध की रखवाली बिल्ली को सौंपने वाले कथन को सही कर दिया.
मोदी ने कहा, "भ्रष्टाचार की संरक्षक कांग्रेस ने तो पहले दिन ही जहां तेजस्वी यादव को क्लीन चिट दे दिया वहीं उसके सभी बड़े नेता लालू प्रसाद के घर जाकर अपनी एकता प्रदर्शित कर आए. सोनिया गांधी तक ने फोन पर बातचीत कर लालू प्रसाद को भरोसा दिया कि वे और उनकी पार्टी पूरी तरह से साथ हैं. भ्रष्टाचार से कभी परहेज नहीं करने वाली कांग्रेस भला भ्रष्टाचार के आरोपी तेजस्वी यादव के इस्तीफा के लिए लालू प्रसाद और आरजेडी पर दबाव क्यों बनाएगी?"
सुशील मोदी ने कांग्रेस पर और अधिक हमलावर रुख अख्तियार करते हुए आगे कहा, "चारा और अलकतरा घोटाले के बाद लालू प्रसाद का राजनीतिक अवसान तो वर्षों पहले हो गया होता मगर कांग्रेस ने ही 2000 ई. उनकी अल्पमत सरकार को समर्थन देकर पांच साल तक जिंदा रखा. यूपीए-1 में कोयला, रेल और टूजी जैसे 10 लाख करोड़ के गबन-घोटालों का रिकार्ड बनाने वाली कांग्रेस में लालू परिवार के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक शब्द बोलने का भी नैतिक बल नहीं है."
इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार को सलाह देते हुए कहा, "ऐसे में लालू प्रसाद के साथ खड़ी कांग्रेस तेजस्वी का इस्तीफा कराना तो दूर उनके भ्रष्टाचार की चर्चा करने से भी बचेगी. तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों की तथ्यात्मक सफाई के लिए जेडीयू द्वारा दिए गए चार दिन के अल्टीमेटम और राष्ट्रपति चुनाव के बीत जाने के बाद अब नीतीश कुमार को ही ठोस कदम उठा कर तेजस्वी को बर्खास्त करने की पहल करनी होगी."