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स्वाभिमान रैली के लिए कॉलेज कैम्पस कब्जे में लेने पर विवाद

विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार नए विवाद में घिर गए हैं. 30 तारीख को पटना में होने वाली स्वाभिमान रैली में आने वाली गाड़ियों के लिए पटना विश्वविधयालय के दो कॉलेजों के कैम्पस को कब्जे में लेने को लेकर नीतीश को विरोध का सामना करना पड़ रहा है. विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ही इस कदम का विरोध कर रहे हैं.

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कॉलेज कैम्पस कब्जे में लेने पर विवाद
कॉलेज कैम्पस कब्जे में लेने पर विवाद

विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार नए विवाद में घिर गए हैं. 30 तारीख को पटना में होने वाली स्वाभिमान रैली में आने वाली गाड़ियों के लिए पटना विश्वविधयालय के दो कॉलेजों के कैम्पस को कब्जे में लेने को लेकर नीतीश को विरोध का सामना करना पड़ रहा है. विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ही इस कदम का विरोध कर रहे हैं.

30 अगस्त को पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन की पहली स्वाभिमान रैली हो रही है जिसके लिए बड़े पैमाने पर पटना शहर में लोगों और वाहनों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. पटना में वाहनों के ठहराव के लिए बिहार के सबसे पुराने साइंस कॉलेज और पटना कॉलेज के कैम्पस को भी प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया है.
इसका विरोध पटना विश्वविधायलय के प्रोफेसर कर रहे हैं.

उनका कहना है कि यह पहली बार हो रहा है कि पटना विश्वविधयालय के कॉलेजों के कैम्पस को प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया है यह नहीं होना चाहिए था. इस प्रकार से आने वाले समय में दूसरे पार्टियों के द्वारा भी रैली किया जायेगा तो इस कैम्पस की मांग की जायेगी.  इससे विश्वविद्यालय के शैक्षिक माहौल पर असर पड़ेगा. यहां सारा माहौल राजनीतिक हो जायेगा.

चुनाव से चंद माह पहले रैली के लिए उठाए गए इस कदम ने नीतीश कुमार पर हमले का विपक्ष को मौका दे दिया है.

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