कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. मंगलवार को हुई विपक्ष की बैठक में कुल 18 विपक्षी दल मौजूद थे. कांग्रेस ने इस गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का ऐलान करके कुछ समय से नाराज चल रहे नीतीश कुमार को मनाने की कोशिश भी की है. वहीं इस निर्णय से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी साधने की कोशिश की गई है.
मीरा कुमार के नाम पर नाराज हुए थे दोनों
दरअसल, जिस समय राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष में नाम की चर्चा चल रही थी. उस समय ममता बनर्जी ने गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का फैसला किया था. लेकिन कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां मीरा कुमार के नाम पर सहमत हुईं. सोनिया गांधी से कुछ नेताओं ने इस बारे में चर्चा की थी. सोनिया गांधी मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में भी थीं.
जानें गोपालकृष्ण गांधी के बारे में सबकुछ
मगर उनका कहना था कि लेफ्ट और ममता बनर्जी गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्ष का उम्मीदवार बनाने के पक्ष में थी. इसीलिए मीरा कुमार के नाम पर फैसला नहीं हो सका. इसके बाद तय किया गया कि पहले एनडीए को ही अपना उम्मीदवार घोषित करने दिया जाए. जिसके बाद रामनाथ कोविंद के मुकाबले मीरा कुमार को उतारा गया.
वहीं नीतीश कुमार ने एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का खुले तौर पर समर्थन का ऐलान किया था. लालू यादव ने भी नीतीश के इस फैसले को उनका निजी निर्णय बताया था और इसकी निंदा की थी. बता दें कि बीच में कांग्रेस और जेडीयू में काफी तल्खी बढ़ गई थी, जिसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीच-बचाव किया था, जिसके बाद नीतीश और कांग्रेस और रिश्ते फिर ठीक हुए थे.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव और जीएसटी के मुद्दे पर नीतीश कुमार अन्य विपक्षी पार्टियों से अलग रुख अपनाया था. हालांकि नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल तो नहीं हुए, उनकी जगह शरद यादव शामिल हुए थे. साफ है कि कांग्रेस समेत विपक्ष ने ममता और नीतीश की पसंद रहे गोपाल कृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना उन्हें मनाने की कोशिश की है.