बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ जाने के अपने फैसले को फिर से सही ठहराया है उन्होंने कहा कि हमने जो फैसला लिया है वो बिहार के हित में लिया है आप सर्वे करवा कर लोगों की राय जान सकते हैं. जेडीयू के बागी नेता शरद यादव पर भी नीतीश ने जमकर हमला बोला. उन्होंने शरद यादव की टिप्पणी पर खुलकर जवाब देते हुए कहा कि वो अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन बिना कारण किसी दुसरे पर छींटाकशी से उन्हें बचना चाहिए.
नीतीश ने पटना में बात करते हुए कहा कि हम उनकी किसी भी बात पर कमेंट नहीं करते, इसलिए कि उन्होंने अपने सिद्धान्तों को छोड़ दिया है. जब हम लोग महागठबंधन में थे और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे उस समय अपने ऊपर लग रहे आरोपों का तेजस्वी यादव जवाब नहीं देना चाह रहे थे. हमारा कहना था कि आप इस बात का जवाब दीजिए और एक्सप्लेन तो कीजिए, तो वो एक्सप्लेन करने की स्थिति में नही थे.
नीतीश ने शरद पर तंज कसते हुए कहा कि उस समय हमने बार- बार कहा कि आप ही रोज भाषण देते हो कि लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, तो ये कौन सा सिद्धान्त है? लोकलाज को भुलाकर परिवारवाद और भ्रष्टाचार का साथ दें? उन्होंने शरद यादव से कहा कि दूसरों पर कमेंट करने की जगह जिस रास्ते पर हैं उसे देखें. हमने कभी कोई कमेंट नहीं किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने जो फैसला लिया है वो बिहार के हित में लिया है, आप लोग सर्वे करा लीजिए और लोगों की राय जान लीजिए. जहां तक उनका प्रश्न है तो वो अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन अकारण दुसरे पर छींटाकशी कसने से बचना चाहिए. ये बात तो साफ है कि साझी विरासत के सिद्धांत क्या है, साझी विरासत के सिद्धान्त यही हैं कि वंशवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार का आप साथ दीजिए, मैं नहीं समझता कि समाजवाद का सिद्धांत इस चीज की इजाजत देता है.