विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के दौरान नीतीश कुमार का शायराना अंदाज भी देखने को मिला. नीतीश ने कहा, 'बीजेपी की ओर से कई बार समझौते के लिए संदेश आए, लेकिन हमने उसे स्वीकार नहीं किया.' उन्होंने सदन में एक शेर अर्ज किया,
'आया तो बार-बार संदेशा अमीर का
हमसे मगर हो न सका सौदा ज़मीर का'
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास समझौता करने के लिए कई बार संदेशा आया, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. अगर कर लिए होते, तो आज चैन से होते.
पिछले दिनों बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा पुराने गठबंधन को नहीं तोड़ने की सलाह पर नीतीश कुमार ने एक शेर से इशारा किया, 'दुआ देते हैं जीने की और दवा करते हैं मरने की.' उन्होंने कहा था कि एक ओर हमें सुझाव दे रहे हैं और दूसरी ओर हमारी सुनने के लिए तैयार भी नहीं हैं. हमला शायराना था और नीतीश कुमार के इस शेर का जवाब बीजेपी के शाहनवाज हुसैन ने भी शायराने अंदाज में ही दिया था, 'हम दुआ भी देते हैं, दवा भी देते हैं. हम जिसे दोस्त बना लेते हैं, उसे दगा नहीं देते.'