संसद का मॉनसून सत्र जारी है इस बीच 9 अगस्त को होने वाले राज्यसभा उपसभापति चुनाव के लिए राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं. एनडीए की ओर से जेडीयू सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बनाया गया है. इस उम्मीदवारी पर NDA में फूट पड़ती दिख रही है, लेकिन जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार ने अन्य दलों से समर्थन मांगना शुरू कर दिया है.
नीतीश ने इसी मसले पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से बात की. उन्होंने केसीआर से फोन पर बात की और उनके उम्मीदवार को समर्थन करने की बात कही. केसीआर ने उनको आश्वासन दिया कि वह अपने पार्टी नेताओं और साथियों से बात करके ही इस बारे में फैसला लेंगे.
NDA में पड़ी फूट!
राज्यसभा में उपसभापति के लिए एनडीए की तरफ से उम्मीदवार जेडीयू सांसद हरिवंश को बनाये जाने से एनडीए की दो सबसे पुरानी सहयोगी पार्टियां अकाली दल और शिवसेना नाराज हैं.
दरअसल, अकाली दल को उम्मीद थी राज्यसभा में एनडीए का उपसभापति का उम्मीदवार उनका होगा. बता दें कि अकाली दल से नरेश गुजराल का नाम चर्चा में था लेकिन अंतिम समय पर बीजेपी ने जेडीयू के सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बना दिया जिससे अकाली दल में नाराजगी हैं. जिसे लेकर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में अकाली दल के संसदीय दल की बैठक केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के घर पर हुई.
उपसभापति के लिए क्या कहता है राज्यसभा का अंकगणित ?
संख्याबल के हिसाब से देखा जाए तो राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 244 है. मतलब एनडीए को बहुमत के लिए 123 सदस्यों का समर्थन चाहिए. बीजेपी के 73, जेडीयू के 6, अकाली दल के 3, शिवसेना के 3, बोडो पीपुल फ़्रंट के 1, नागा पीपुल फ़्रंट के 1, सिक्किम डेमक्राटिक फ़्रंट के 1, आरपीआई के 1, 3 निर्दलीय और 3 मनोनीत सदस्यों को मिलाकर कर NDA के पास 95 सांसद हैं. ऐसे में एनडीए को चुनाव जीतने के लिए अन्य 28 सांसदों की जरूरत है.
सूत्रों के अनुसार एआईएडीएमके के 13, टीआरएस के 6 और वाईएसआर कांग्रेस के 2 सदस्य एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को अपना समर्थन देने के लिए सहमति दे चुके हैं. फिलहाल एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को ताज़ा संख्याबल के अनुसार 116 सांसदों का समर्थन प्राप्त है.