कांग्रेस से नाराज कुछ क्षेत्रीय दल अब एक तीसरा मोर्चा बनाने की जुगत में हैं. वे चाहते हैं कि तीसरे मोर्चे के नाम पर एक गठबंधन तैयार हो और सब मिलकर चुनाव लड़ें. इसकी पहल कांग्रेस से सबसे ज्यादा निराश जेडी(यू) कर रही है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस और बीजेपी विरोधी एक मोर्चे के गठन में लग गए हैं. वे चाहते हैं कि सोशलिस्ट विचारधारा के लोग साथ आ जाएं और जनता परिवार की तरह साथ चुनाव लड़ें. इसके लिए नीतीश कुमार तीसरे मोर्चे की बात बढ़चढ़ कर कहने वाले मुलायम सिंह यादव से हाथ मिलाना चाहते हैं.
साथ ही वह कर्नाटक के जेडी(एस) से भी हाथ मिलाना चाह रहे हैं. वह नवीन पटनायक और जयललिता को भी साथ लेने की जुगत में हैं. इसके अलावा उनकी योजना वाम दलों को भी साथ लेने की है. वह लोकसभा चुनाव के पहले यह गठबंधन तैयार कर लेना चाहते हैं.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह पार्टियों का विलय नहीं है बल्कि एक तरह का गठबंधन है. इसके लिए सपा, जेडी(एस) वगैरह से बातचीत हो रही है. हम सब अपने-अपने चुनाव चिन्हों पर चुनाव लड़ेंगे. अगले 10 दिनों में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी. 1989 के लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों के गठबंधन ने अधिकतम 142 सीटें जीती थीं. बाद में ये सभी अलग-अलग हो गए.
नीतीश कुमार ने अखबार के साथ बातचीत में कहा कि मनमोहन सिंह देश के नेता तो क्या पार्टी के भी नेता नहीं बन सके. नरेन्द्र मोदी के बारे में उन्होंने कहा कि वह अपनी बनाई दुनिया में मस्त हैं. राहुल गांधी के बारे में नीतीश ने कहा कि उन्हें पहले देश के मु्द्दों से रूबरू होना होगा. वह एक ही बात बार-बार बोलते हैं.