बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के पांचवे वर्ष में राज्य सरकार के क्रियाकलापों को लेकर एक रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए प्रदेश में उर्दू, संस्कृत एवं बांग्ला के 47,250 शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की.
मंत्रिमंडल की शुक्रवार को संपन्न बैठक के बाद अपनी सरकार के साढ़े चार सालों के क्रियाकलापों को लेकर 112 पृष्ठों का एक रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए प्रदेश में 47250 उर्दू, संस्कृत एवं बांग्ला शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की. इन शिक्षकों में 27 हजार उर्दू शिक्षक, 20 हजार संस्कृत शिक्षक और ढाई सौ बांग्ला के शिक्षक होंगे.
उन्होंने कहा कि उर्दू प्रदेश की दूसरी भाषा है और यहां 67 हजार प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय हैं तथा हम चाहते हैं कि प्रत्येक विद्यालय में एक उर्दू शिक्षक हो. नीतीश ने कहा कि बिहार में वर्तमान में 15 हजार उर्दू शिक्षक मौजूद हैं और 25 हजार अन्य उर्दू शिक्षक की नियुक्ति का मामला प्रक्रियाधीन है, जिसमें से उच्चतम न्यायालय के आदेश पर करीब साढ़े बारह हजार शिक्षकों की नियुक्ति जारी है. {mospagebreak}
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे चरण का जो शिक्षक नियोजन होना है उसमें भी साढ़े बारह हजार उर्दू शिक्षकों का नियोजन किया जाएगा और इस प्रकार प्रदेश में चालीस हजार उर्दू शिक्षक हो जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि चालीस हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के साथ बाकी बचे 27 हजार प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में भी एक-एक उर्दू शिक्षक की बहाली की जाएगी.
नीतीश ने कहा कि नियत वेतन पर बहाल किए गए पंचायत, स्थानीय निकायों, प्रखंड एवं माध्यमिक शिक्षकों को पिछले साल राज्य सरकार ने एक अप्रैल से उनके वेतन में एक हजार रुपये की वृद्धि किए जाने की घोषणा की थी और अब एक हजार रुपये और वृद्धि करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यह एक अगस्त से लागू होगा.
नीतीश ने प्रदेश में 80 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं और प्रत्येक में तीन से छह वर्ष आयु के करीब चालीस बच्चे होते हैं. उन्होंने कहा कि आंगनबाडी केंद्रों में गरीब बच्चे पढ़ते हैं और गरीबी की हीन भावना को बाल्यकाल से ही उनके मन से निकालने के लिए उनकी सरकार ने आंगनबाड़ी के सभी बच्चों को पोशाक के लिए प्रतिवर्ष 250 रुपये देने का निर्णय लिया है. नीतीश ने बताया कि इसके लिए तात्कालिक तौर 91 करोड़ 67 लाख रुपये की जरूरत होगी और इसके आवंटन का सरकार ने निर्णय ले लिया है. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन नहीं हैं और इसके लिए बडे पैमाने पर भवन बनाना होगा. नीतीश ने कहा कि गांव के अंदर बसावट में जो गलियां हैं, उनके पक्कीकरण और नालियों के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ग्रामोदय कार्यक्रम चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण पंचायतों को पिछडा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) के अंतर्गत दी जाने वाली राशि के समतुल्य राशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी.
नीतीश ने कहा कि अभी मानसून की स्थिति है, वह निराशजनक है और वर्षा की कमी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मानसून की स्थिति को देखते हुए डीजल सब्सिडी योजना को मंजूरी दी है और इसके तहत प्रति लीटर डीजल पर 20 रुपये का अनुदान दिया जायेगा. नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्णयों के कारण डीजल के दाम में वृद्धि हुई है और पहले प्रदेश सरकार ने सिंचाई के लिए डीजल पर 15 रुपये का अनुदान दिया था और उसे बढाकर 20 रुपये कर दिया है. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि एक एकड़ में सिंचाई के लिए 10 लीटर डीजल की जरूरत पड़ती है. इसमें प्रदेश सरकार पांच दफा सिंचाई में मदद करेगी, जिसमें धान के पौधे तैयार होने तक दो बार और फसल के तैयार होने तक तीन दफा मदद की जाएगी. मक्का की सिंचाई में दो दफा की मदद दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजल सब्सिडी पर कुल लागत 608 करोड़ 75 लाख रुपये आएगी.
सिपाहियों के पोशाक के लिए 2006 से प्रतिवर्ष 2650 रुपये पोशाक भत्ता के तौर पर दिया जाता था, लेकिन मंहगाई को देखते हुए अब प्रति वर्ष चार हजार रुपये हर पुलिसकर्मी को पोशाक भत्ता दिया जाएगा. नीतीश ने कहा कि केरोसिन पर लगने वाले वैट दर 12.5 प्रतिशत को घटाकर चार प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे केरोसिन में हुई मूल्य वृद्धि में 96 पैसे प्रति लीटर की कमी आएगी.
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य पत्रकार कल्याण कोष नियमावली 1981 में व्यापक संशोधन कर अब नये स्वरूप में बिहार राज्य पत्रकार कल्याण कोष नियामवली 2010 लागू की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य के प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधियों को इस कोष से सहायता की अधिकतम राशि 5 हजार रुपये से बढाकर 50 हजार रुपये कर दी गयी है. {mospagebreak}
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयास से प्रदेश में मजदूरों का पलायन तेजी से घटा है और पंजाब में अब स्थिति यह हो गई है कि अधिक मजदूरी देकर भी वहां के किसानों को बिहारी मजदूर नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं. बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आए बदलाव का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि प्रदेश में संस्थागत प्रसव की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है और वर्ष 2009-10 में यह बढ़कर 12.5 लाख हो गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में वर्ष 2005-06 में खाद्यान्न का उत्पादन 85.49 लाख मीट्रिक टन से वर्ष 2009-10 में बढ़कर 120.86 लाख मीट्रिक टन हो गया. राज्य में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. यह संख्या वर्ष 2006 में 94 हजार से वर्ष 2009 में बढकर 4.23 लाख हो गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी जहां नगण्य थी वहीं सरकार द्वारा लागू 50 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था के फलस्वरूप पंचायतों में सभी स्तरों पर 54.73 प्रतिशत महिलाएं निर्वाचित हुईं.
बिहार की राजग सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट कार्ड में पिछले साढ़े चार सालों के दौरान राज्य में बनाए गए 45 नए कानून और 12 नई नीतियों का भी उल्लेख किया गया है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित कई अन्य राज्यमंत्री तथा पदाधिकारी उपस्थित थे.