उत्तराखंड त्रासदी में फंसे लोगों को समय पर राहत नहीं पहुंचाने के बीजेपी के आरोप पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह रैम्बो नहीं पर उत्तराखंड में फंसे लोगों को राहत देने के लिए सभी तरह की पहल की.
पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जनता दरबार के बाद नीतीश ने उत्तराखंड त्रासदी में फंसे लोगों को समय पर राहत नहीं पहुंचाने के बीजेपी के आरोप पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मैंने रैम्बो जैसी पात्रता हासिल नहीं की, लेकिन उत्तराखंड में फंसे लोगों को राहत देने के लिए सभी तरह पहल की. उन्होंने कहा कि आपदा पर बयानबाजी उपयुक्त नहीं है, यह स्तरहीन राजनीति का परिचायक है.'
नीतीश ने कहा कि उत्तराखंड आपदा के प्रारंभ से ही उन्होंने वहां की सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया और बिहार के लोगों को बचाने एवं वहां फंसे लोगों को राहत देने के लिए सभी तरह की पहल की गई.
उन्होंने कहा कि राहत कोष में सहयोग देने से लेकर अधिकारियों के दल को भेजकर समन्वय बनाये जाने का कार्य किया गया. नीतीश ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से बातचीत की थी. बिहार के कई अधिकारी वहां के अधिकारियों के सम्पर्क में थे. हमने कई बार बैठकें की.
नीतीश ने बीजेपी नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोगों को छपास (छपने की) की बीमारी है. अखबार में छपने के लिए कोई भी बात कर सकते हैं. नीतीश ने कहा कि उन्हें छपने की बीमारी नहीं है. ईमानदारी के साथ काम करते हैं. उनके जैसा व्यक्ति उस शब्द का प्रयोग नहीं कर सकता, जैसा की लोग कर रहे हैं तथा प्रतिदिन मीडिया में छपने के लिए बोल रहे हैं.
बगहा पुलिस गोली कांड के विरोध में प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा दिए गए धरने की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा कि लोग एकतरफा बोल रहे हैं.
बिहार में सत्ता से बाहर होने पर बीजेपी नेताओं द्वारा नीतीश पर विधायकों से उनके निधि को खर्च करने का अधिकार छीन लेने के आरोप के बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह विचार राजग के बैठक के दौरान आया.
नीतीश ने कहा कि बिहार के विकास का सतत कार्यक्रम है. अपनी पार्टी जदयू के बारे में उन्होंने कहा कि जदयू कोई प्रतिक्रियावादी दल नहीं है. जदयू कोई काम प्रतिक्रिया में नहीं करती है.