गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और कोलकाता में भाषण देकर जो हवा बनाई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को उस पर टोपी बम गिराकर हवा निकाल दी. नीतीश ने चुन-चुनकर मोदी पर निशाना साधा और मोदी के हर हवाई किले को ध्वस्त कर दिया. इतना ही नहीं पीएम उम्मीदवारी को लेकर जागे मोदी के अरमानों पर नीतीश ने जमकर प्रहार किया.
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'सद्भावना मुहिम' के दौरान एक इमाम द्वारा भेंट की गई टोपी को मोदी द्वारा पहनने से इनकार करने के बाद जो विवाद करीबन दो साल पहले शुरू हुआ था, उसकी गूंज आज नीतीश कुमार के भाषण में भी सुनाई दी.
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बिहार के मुख्यमंत्री ने उस विवाद के बहाने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश को ऐसे पीएम की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले. इसके लिए उसे टोपी भी पहनना पड़ेगा और तिलक भी लगाना पड़ेगा.
नीतीश ने अटल बिहारी वाजपेयी की प्रशंसा करते हुए उनके राजधर्म वाले बयान को काफी तरजीह दी. उन्होंने कहा, 'देश को चलाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी जैसी सोच चाहिए, अटल जी राजधर्म पालन करने की बात करते थे.'
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इसके जवाब में बिहार के बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि हमें धर्मनिरपेक्षता पर किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. हम पहले भी धर्मनिरपेक्ष थे और भविष्य में भी रहेंगे.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम टोपी नहीं, मुस्लिमों के लिए काम करना जरूरी है. मोदी टोपी पहने बिना ही मुस्लिमों के लिए विकास के काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि रविवार को जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया कि बीजेपी इस साल के अंत तक पीएम प्रत्याशी घोषित करे. लेकिन जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने सिद्धांतों के साथ समझौता न करने की बात कहकर अपना रुख साफ कर डाला कि फिलहाल जदयू को नरेंद्र मोदी मंजूर नहीं हैं.
पर इतना तो तय है कि आने वाले दिनों में भी नीतीश कुमार के इस टोपी बम की गूंज सुनाई देने वाली है.