बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को आरक्षण दिये जाने के लिए किये जा रहे उपायों का समर्थन किया है, हालांकि उनकी ही पार्टी जनता दल यू के अध्यक्ष शरद यादव इस विधेयक के विरोध में हैं.
नीतीश ने पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब मैं संयुक्त संसदीय समिति का सदस्य था, तब :करीब एक दशक पहले : मैंने डिसेंट नोट दिया था. अब समय आ गया है कि महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं में आरक्षण दिया जाये. मैं शरद जी से बात करूंगा और उनसे अपील करूंगा कि वे विधेयक को पारित होने को सुनिश्चित करें.’’ शुरू से ही इस विधेयक के मुखर विरोधी रहे जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने हालांकि कहा कि इस विधेयक के मौजूदा स्वरूप को लेकर उनकी पार्टी का विरोध जारी रहेगा.
महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक सोमवार को राज्य सभा में विचार के लिए आने वाला है, जहां जनता दल यू के सात सांसद हैं, जबकि लोकसभा में पार्टी के 20 सदस्य हैं.
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘अच्छा होता कि सरकार कोटा के अंदर कोटा की मांग को स्वीकार कर लेती, लेकिन इस मुद्दे पर विधेयक को रोकना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आदर्श रूप में अत्यंत पिछड़े और पिछड़ी जाति की महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में आरक्षण मिलना चाहिए. हम इसे हासिल करने के लिए प्रयास जारी रखेंगे.’’ नीतीश के इस रुख पर यादव ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने सुझाव के बारे में उनसे भी बात की है और यह बताया है कि वह भी अतीत में पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए कोटा के अंदर कोटा की मांग करते रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह नीतीश कुमार के सुझावों को खारिज कर रहे हैं, शरद ने इसका सीधा जवाब न देते हुए कहा, ‘‘जो मैंने कहा है उसी में उत्तर है.’’ यह पूछे जाने पर कि जब यह विधेयक राज्य सभा में आयेगा तो पार्टी इसका विरोध करेगी, यादव ने कहा उनकी पार्टी का विरोध कोई एक दिन का नहीं है.
यादव ने भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों को चुनौती दी कि वह अपने सदस्यों को बिना व्हिप जारी किये इस विधेयक को पास कराने का प्रयास करे. उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे कह रहे हैं कि उनके पास बहुमत है तो मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे अपने सदस्यों को इस मुद्दे पर कोई व्हिप जारी न करें. जदयू भी व्हिप जारी नहीं करेगा और तब वे इस विधेयक को पास कराने में सफल होते हैं तो इसे स्वीकार करने वाला मैं पहला व्यक्ति होऊंगा.