नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) बिल पर लगातार चौथे दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. शुक्रवार देर रात तक चली रेजिडेंट डॉक्टरों की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ कर ओपीडी सेवाओं में हड़ताल जारी रहेगी.
एम्स,सफदरजंग, सहित दिल्ली के ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इसके अलावा ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) के रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन ने भी एनएमसी बिल का विरोध किया है. इससे मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है. रेजिडेंट डॉक्टर संघ ने न्यूज़ एजेंसी ANI से कहा, एनएमसी बिल के खिलाफ डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल अभी भी जारी है. एम्स में इमरजेंसी सेवाएं तत्काल प्रभाव से शुरू हो गई हैं.
रेजिडेंट डॉक्टरों के संघ ने कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन का एनएमसी बिल पर हमें समझाने की कोशिश अच्छी है. बावजूद इसके राज्यसभा की ओर से पेश किए गए इस बिल में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ कई प्रावधान हैं, जिस पर विचार किया जाना चाहिए.
विरोध के बावजूद सरकार गुरुवार को राज्यसभा में यह बिल पास कराने में कामयाब हो गई जबकि 29 जुलाई को लोकसभा में यह बिल पास हो गया था. बिल पास होने के बाद अगले 3 सालों में नेशनल मेडिकल कमीशन का गठन किया जाएगा.
Resident Doctor's Association & Students' Union of All India Institute of Medical Sciences, Delhi:We remain steadfast in our decision to continue ongoing indefinite strike against certain provisions of NMC Bill. However, emergency services to resume at AIIMS with immediate effect pic.twitter.com/aWEnbaeJUv
— ANI (@ANI) August 3, 2019
इससे पहले एमसीआई के पास एडमिशन, मेडिकल शिक्षा, डॉक्टरों की रजिस्ट्रेशन से जुड़े काम होते थे, लेकिन अब इस बिल के पास होने के बाद यह सारा काम एनएमसी के पास चला जाएगा. इस तरह से एमसीआई की जगह नेशनल मेडिकल कमीशन ले लेगा.
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को 17 जुलाई के दिन मंजूरी दे दी थी. विधेयक का मुख्य उद्देश्य मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के स्थान पर एक चिकित्सा आयोग स्थापित करना है. बताया जाता है कि इससे भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 निरस्त हो जाएगा.
चिकित्सा आयोग निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 फीसदी सीटों के लिए सभी शुल्कों का नियमन करेगा. जिससे प्रवेश शुल्क में कमी की उम्मीद जताई जा रही है.