लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पारित होने के बाद देशभर में डॉक्टर्स का विरोध बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स इसके खिलाफ आज यानी गुरुवार को हड़ताल पर रहेंगे. डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को दिक्कतों का सामना कर पड़ सकता है. दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने गुरुवार को संसद चलो का आह्वान किया.
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> एम्स के डॉक्टरों ने संसद की तरफ कदम बढा दिए हैं. वो मार्च करते हुए आगे की तरफ बढ़ रहे हैं. यह मार्च एनएमसी बिल के खिलाफ किया जा रहा है.
> केरल में मेडिकल स्टूडेंट्स राजभवन के सामने पहुंचे और एनएमसी बिल के खिलाफ आंदोलन शुरू किया.
Kerala: Medical students protest against National Medical Commission Bill, 2019 in front of Raj Bhavan in Trivandrum. pic.twitter.com/nPCPjWhFCe
— ANI (@ANI) August 1, 2019
> फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एनएमसी बिल के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है और दिल्ली में आवश्यक और गैर-आवश्यक दोनों तरह की मेडिकल सेवाओं को वापस ले लिया है. इस विरोध प्रदर्शन में कई सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स भी शामिल हो रहे हैं.
> केरल में राजभवन के सामने सुबह 10.45 बजे हजारों की संख्या में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स आंदोलन करेंगे. वो एनएमसी बिल की कॉपी को जलाकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे. साथ ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे.
> दिल्ली में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) विधेयक, 2019 के खिलाफ एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए हैं. रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन आज पूरे देश में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के प्रावधानों के खिलाफ एक दिवसीय हड़ताल कर रहा है.
Delhi: Resident doctors sit on strike in AIIMS (All India Institute Of Medical Sciences) against National Medical Commission (NMC) Bill, 2019. Resident Doctors Association is observing a one-day strike against provisions of National Medical Commission Bill,across the nation today pic.twitter.com/hzaQBGEylu
— ANI (@ANI) August 1, 2019
> एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि हमारी हड़ताल एनएमसी बिल के कुछ प्रावधानों के खिलाफ है. रेजिडेंट डॉक्टरों को सेवाओं से हटा दिया गया है. फैकल्टी और कंसलटेंट मरीजों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. अगर सरकार हमें सूचीबद्ध नहीं करती है तो इसे मेडिकल बिरादरी के इतिहास में सबसे काले दिनों में गिना जाएगा.
Resident Doctor: Our strike is against some provisions of NMC Bill. Resident doctors have been withdrawn from services. Faculty&consultants are providing services. If govt doesn't listen to us then it would be counted as one of the blackest days in history of medical fraternity. pic.twitter.com/pmyY54CP5Q
— ANI (@ANI) August 1, 2019
> आरडीए के एक बयान में कहा गया है कि अगर बिल में संशोधन नहीं किया गया तो इससे न केवल मेडिकल शिक्षा के मानकों में गिरावट आएगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी गिरावट आएगी.
> डॉक्टरों की मांग है कि बिल को जिस तरह लोकसभा में पास किया गया है, उसी तरह राज्यसभा में पेश ना किया जाए. इसमें डॉक्टरों की मांग के अनुसार संशोधन करके इसे राज्यसभा में पेश किया जाए.
यूनाईटेड डॉक्टर्स रेजिडेंट असोसिएशन (यूआरडीए) के प्रेजिडेंट डॉ. मनु गौतम ने कहा कि यूआरडीए, फोर्डा और एम्स की आरडीए की लंबी मीटिंग हुई जिसमें यह फैसला लिया गया. अगर गुरुवार को इस बिल में डॉक्टरों की मांग के अनुसार संशोधन करके राज्यसभा में पेश नहीं किया जाता तो देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल रहेगी. डॉक्टरों की दो मांग हैं कि बिल के आर्टिकल 15 और 32 में बदलाव किया जाए, लेकिन सरकार बदलाव को तैयार नहीं है. इससे पहले बुधवार को इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर देशभर में हड़ताल हुई.
उत्तराखंड के डॉक्टर्स रहे हड़ताल पर
एक ओर जहां आज से दिल्ली के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स हड़ताल पर जा रहे हैं तो इससे पहले बुधवार को उत्तराखंड के डॉक्टर्स हड़ताल पर रहे. हड़ताल के दायरे में निजी क्लीनिक, ओपीडी और निजी नर्सिग होम रहे. इन जगहों पर बुधवार को स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बंद रही.
आईएमए उत्तराखंड के महासचिव डॉ. डीडी चौधरी ने इस बिल को जन विरोधी करार दिया है, उन्होंने कहा कि इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा के मानकों में, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी गिरावट आएगी. डॉ. चौधरी का दावा है कि एनएमसी बिल की धारा-32 में आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए 3.5 लाख अयोग्य एवं गैर चिकित्सकों को लाइसेंस देने का प्रावधान है. सरकार की ये योजना नीम हकीम को वैध करने की साजिश है.