नेशनल मेडिकल कमिशन विधेयक (NMC) के विरोध में देशभर में डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. इस बीच आजतक संवाददाता सिद्धार्थ तिवारी ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे से बातचीत की. अश्विनी चौबे ने डॉक्टरों से हड़ताल पर न जाने की अपील की है.
उन्होंने कहा, "मैं स्वास्थ्य जगत के तमाम डॉक्टरों से अपील करना चाहता हूं कि वह हड़ताल पर ना जाएं. लोकतंत्र में कोई भी हड़ताल कर सकता है लेकिन डॉक्टरों का सीधा संबंध मानव से है. चिकित्सक अपने आप में महान होते हैं. देवता समान होते हैं. चिकित्सक का व्यवहार चिकित्सक की तरह होगा, ना कि सड़क पर बैठे किसी आदमी की तरह." अश्विनी चौबे ने आगे कहा, "हमारी सरकार, नरेंद्र मोदी सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में, राष्ट्रहित में और गरीबों के हित में काम कर रही है."
अश्विनी चौबे ने यह भी कहा कि नेशनल मेडिकल कमिशन बिल के खिलाफ विपक्ष दुष्प्रचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि माफिया तंत्र इसे लेकर दुष्प्रचार कर रहा है. जिस विपक्ष ने एमसीआई को खत्म किया था, आज वही कह रहे हैं कि गलत हो रहा है. अश्विनी चौबे ने कहा, "हमने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया. मेडिकल शिक्षा में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई है." वहीं सुप्रीम कोर्ट के उन्नाव रेप पीड़िता को एयरलिफ्ट करके एम्स (AIIMS) लाए जाने के सुझाव पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरे तरीके से काम कर रही है. जैसे और जिस तरीके की जरूरत होगी उस तरीके से ही आगे कदम उठाए जाएंगे.
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक के खिलाफ डॉरक्टर हड़ताल पर हैं. यह विधेयक 63 साल पुराने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की जगह पर लाया जा रहा है. एनएमसी विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर डॉक्टरों ने विरोध जताया है. विधेयक में ब्रिज कोर्स के जरिए आयुर्वेद और होम्योपैथ के डॉक्टरों को कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर की तरह एलोपैथ की प्रैक्टिस करने का हक देने के प्रावधान से डॉक्टरों को आपत्ति है. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार का यह कदम झोलाछाप डॉक्टरों की फौज तैयार करने वाला है.