आईपीएल कोच्चि टीम विवाद पर इस्तीफा देने से इनकार करते हुए विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने आज कहा कि उन्होंने इस मामले में अपने पद का कतई कोई दुरूपयोग नहीं किया और यह पूरा विवाद इसलिए खड़ा किया जा रहा है ताकि कोच्चि टीम को अव्यवहार्य बनाकर आईपीएल की यह फ्रैंचाइजी किसी और राज्य को दी जा सके.
लोकसभा में सभी विपक्षी दलों और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा और राजद सदस्यों के भारी हंगामे और बर्खास्त करो, बख्रास्त करो की नारेबाजी के बीच थरूर ने व्यक्तिगत रूप से दिए इस बयान में कहा कि कुछ समय से यह स्पष्ट हो गया है कि मुझे लेकर जो सार्वजनिक विवाद खड़ा किया गया है, उसके पीछे कारण यह है कि कोच्चि टीम को ‘अव्यवहार्य’ बनाकर आईपीएल टीम की इस फ्रैचाइजी को केरल की जगह किसी और राज्य को सौंप दिया जाए.
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य इस मामले को लेकर उन पर जो आरोप लगा रहे हैं, वे बेबुनियाद, और दुर्भावनापूर्ण हैं. थरूर ने कहा कि ‘इस पूरे मामले में केरल कंसोर्टियम में संरक्षक की मेरी भूमिका तिरूअनंतपुरम से एक सांसद के रूप में और केन्द्रीय मंत्री परिषद के सदस्य के रूप में उचित आचरण की सीमाओं के भीतर रही है. इसमें मेरे मंत्री पद का कहीं से कोई दुरूपयोग नहीं हुआ है. इस मामले का मेरे मंत्रालय से कोई लेना देना नहीं है. मैं मंत्री के रूप में बोली के नतीजे तो दूर, उसकी प्रक्रिया तक को प्रभावित करने की हैसियत में नहीं था.